Monday, October 19, 2009

डायन बता कर पांच महिलाओं को निर्वस्त्र किया

पालोजोरी (देवघर) संताल परगना में अब भी अंधविश्वास की जड़ें गहरी हैं. रविवार को पालोजोरी प्रखंड के पथरघटिया गांव में ऐसा ही कुछ देखने को मिला. आश्चर्य यह कि महिलाएं ही महिलाओं के उत्पीड़न का कारण बनीं. डायन होने के संदेह में गांव की पांच महिलाओं को न केवल बर्बरता से पीटा गया, बल्कि तीन हजार लोगों की भीड़ के सामने खुले मैदान में निर्वस्त्र कर नचाया गया. इन महिलाओं को मैला भी पिलाया गया. भीड़ तमाशबीन रही. हालांकि आगे कुछ और अनर्थ होता, इससे पहले पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों ने पीड़ित महिलाओं को बचाया.महिलाएं ढोती हैं मौकिल साहब की सवारी : प्रत्यक्षदर्शियों व पुलिस सूत्रों के अनुसार, गांव की छह महिलाएं सकीना बीबी, सबीना बीबी, समिना बीबी, मैमूल बीबी, अझोला बीबी व खूतेजा बीबी पर कोई मौकिल साहब सवार होते हैं. वही गांव में डायन की पहचान कराते हैं. रविवार को भी यही हुआ.शेष पेज नौ परडायन बता कर .मौकिल साहब की सवारी ढोनेवाली महिलाओं ने गांव की ही विधवा ससीना बीबी, सगिरन बीबी व गुलेनार बीबी और सुशीला पंडित व ससूजन बीबी को डायन बताया. इसके बाद क्या था. अंधविश्वासी लोगों की दरिंदगी जाग उठी. लोगों ने इन महिलाओं को पहले टोले में ही बुरी तरह पीटा.मैदान में नचायाइस बात का प्रचार आसपास के गांवों में भी किया गया. इन महिलाओं से डायन कबूलवाने के लिए उन्हें खुले मैदान में मैला पिलाया गया. फिर निर्वस्त्र कर नचाया गया. मारपीट सुबह आठ बजे ही शु हुई. दिन के 10 बजे तक खबर आग की तरह फैल गयी. देखते ही देखते तीन हजार लोगों की भीड़ जमा हो गयी. हालांकि इसी दौरान किसी ग्रामीण ने बीडीओ अनमोल कुमार सिंह और थाना प्रभारी रामबाबू मंडल को सूचना दी. बीडीओ व थाना प्रभारी सदल-बल के साथ वहां पहुंचे. पीड़ित महिलाओं को संरक्षण में ले लिया. पुलिस को देखते ही घटना को अंजाम देनेवाले आरोपी रहमत अंसारी, खुरशेद अंसारी, अकबर अंसारी, फिरोज अंसारी, बुद्धू मियां व कलीम मियां फरार हो गये. पुलिस ने छह महिलाओं सहित 11 लोगों पर डायन निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

पीएफ घोटाले के आरोपी की मौत, जांच के आदेश

गाजियाबाद/लखनऊ उत्तरप्रदेश में करोड़ों रुपए के पीएफ घोटाला मामले के मुख्य आरोपी आशुतोष अस्थाना की शनिवार को गाजियाबाद के दासना जेल में संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, मृतक के परिजनों ने किसी साजिश की आशंका जताई है।

राज्य के जेल विभाग ने डीआईजी (जेल) की अगुवाई में जांच के आदेश दिए हैं। गाजियाबाद जिला प्रशासन भी मामले की अलग से न्यायिक जांच करा रहा है। करीब 20 करोड़ रुपए के पीएफ घोटाले का मुख्य आरोपी 43 वर्षीय आशुतोष जनवरी 2008 से जेल में था। शनिवार को उसे बैरेक पांच-बी में अचेत पाया गया। यह बैरेक निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली की बैरेक से लगा हुआ है। जेल अधिकारियों के मुताबिक आशुतोष की मौत दिल के दौरे से हुई है। उसे अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिवार वालों को संदेह: उधर, परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेल के अंदर ही जहर दिए जाने से आशुतोष की मौत हुई है। उनके अनुसार हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण आशुतोष की जान को शुरू से खतरा था, लेकिन जिला पुलिस ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आशुतोष ने पिछले वर्ष सितंबर में सीबीआई कोर्ट में दिए बयान में एक सुप्रीम कोर्ट के जज तथा हाईकोर्ट व डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के कुछ जजों को मामले में जुड़ा बताया था।

जांच से चलेगा पता: गाजियाबाद पुलिस प्रशासन के मुताबिक मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जल्द ही मिलने की संभावना है। आशुतोष की मौत अगर जहर देने से हुई है तो विसरा की जांसे इसका पता चल जाएगा। मृतक के विसरा को जल्द ही परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।