गाजियाबाद/लखनऊ। उत्तरप्रदेश में करोड़ों रुपए के पीएफ घोटाला मामले के मुख्य आरोपी आशुतोष अस्थाना की शनिवार को गाजियाबाद के दासना जेल में संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, मृतक के परिजनों ने किसी साजिश की आशंका जताई है।
राज्य के जेल विभाग ने डीआईजी (जेल) की अगुवाई में जांच के आदेश दिए हैं। गाजियाबाद जिला प्रशासन भी मामले की अलग से न्यायिक जांच करा रहा है। करीब 20 करोड़ रुपए के पीएफ घोटाले का मुख्य आरोपी 43 वर्षीय आशुतोष जनवरी 2008 से जेल में था। शनिवार को उसे बैरेक पांच-बी में अचेत पाया गया। यह बैरेक निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली की बैरेक से लगा हुआ है। जेल अधिकारियों के मुताबिक आशुतोष की मौत दिल के दौरे से हुई है। उसे अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार वालों को संदेह: उधर, परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेल के अंदर ही जहर दिए जाने से आशुतोष की मौत हुई है। उनके अनुसार हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण आशुतोष की जान को शुरू से खतरा था, लेकिन जिला पुलिस ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आशुतोष ने पिछले वर्ष सितंबर में सीबीआई कोर्ट में दिए बयान में एक सुप्रीम कोर्ट के जज तथा हाईकोर्ट व डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के कुछ जजों को मामले में जुड़ा बताया था।
जांच से चलेगा पता: गाजियाबाद पुलिस प्रशासन के मुताबिक मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जल्द ही मिलने की संभावना है। आशुतोष की मौत अगर जहर देने से हुई है तो विसरा की जांसे इसका पता चल जाएगा। मृतक के विसरा को जल्द ही परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
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