Saturday, November 29, 2008

प्रशिक्षण में शामिल होगा मुम्बई का अनुभव

मुम्बई में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में मुख्य भूमिका अदा करने वाले नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के नए प्रशिक्षण कार्यक्रम में इस मुठभेड़ के अनुभवों को भी शामिल किया जाएगा।
एनएसजी दरअसल प्रतिनियुक्ति पर शामिल हुए सुरक्षाबलों का संगठन है। इसके अधिकारी तथा कर्मचारी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीमा सुरक्षा बल तथा सशस्त्र सीमा बल जैसे विभिन्न अर्द्धसैनिक बलों से प्रतिनियुक्ति पर तैनात किए जाते हैं।
एनएसजी के एक अधिकारी ने बताया कि मुम्बई में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ हमारे के लिए सीखने के लिहाज से बेहतरीन अनुभव था। हम भविष्य में अपनी कमांडो ट्रेनिंग में इसके तजुर्बे को शामिल करेंगे। प्रतिनियुक्ति पर तैनात सभी एनएसजी जवानों को नए प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेना होगा। अधिकारी ने बताया ऐसा पहली बार हुआ है जब हमने भीड़भाड़ और घनी आबादी वाले इलाके में आतंकियों के खिलाफ अभियान को अंजाम दिया। दक्षिणी मुम्बई में अनेक तंग गलियों से सटे नरीमन हाउस में अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देना बहुत बड़ी चुनौती थी। उन्होंने बताया कि ताज और ओबराय काफी बडे़ होटल हैं। इनमें आतंकवादियों के छिपने के लिए काफी जगह थी, जिससे उन्हें सुरक्षा बलों के लिए परेशानियाँ खड़ी करने में मदद मिली। गौरतलब है कि एनएसजी कमांडो ने ताज और ओबराय, ट्राइडेंट तथा यहूदी आवासी परिसर नरीमन हाउस को आतंकवादियों से मुक्त कराने के अभियान में हिस्सा लिया था। अन्य बलों से प्रतिनियुक्ति पर आए जवानों को एनएसजी में भर्ती से पहले कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। एनएसजी जवानों को अब तक पुलिस कमांडो इंस्ट्रक्टर्स कोर्स, वीआईपी सुरक्षा, बम डिस्पोजल तथा वामपंथी कट्टरवाद के पहलुओं पर ही प्रशिक्षण दिया जाता था। एनएसजी जवानों की आतंकवादियों के खिलाफ क्षमता विकसित करने के लिए उन्हें कृत्रिम परिस्थितियों में कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है। उनमें लड़ाकू प्रवृत्ति का विकास करने के लिए उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से बेहद चुस्त बनाया जाता है।
पत्रकार सबीना सहगल सैकिया की मौत
टाइम्स ऑफ इंडिया की वरिष्ठ पत्रकार सबीना सहगल सैकिया एनएसजी द्वारा आतंकवादियों को मार गिराए जाने के बाद ताज होटल में मृत पाई गईं।अखबार के स्थानीय संपादक (दिल्ली) विकाससिंह ने बताया दुर्भाग्य से वे अब इस दुनिया में नहीं रहीं। उनका शव शनिवार सुबह होटल से बरामद किया गया। बुधवार को जिस समय आतंकवादियों ने देश की व्यावसायिक राजधानी पर हमला किया, उस समय सबीना ताज होटल के भीतर फँस गई थीं। वे मुम्बई एक शादी के रिसेप्शन में भाग लेने गईं थीं, लेकिन थकान की वजह से जल्द ही होटल के अपने कमरे में लौट आईं।

Thursday, November 27, 2008

चेक पर फर्जी दस्तखत कर दो लाख निकाले

चेक पर जाली दस्तखत कर फर्जी तरीके से बैंक से दो लाख रुपये निकालने का मामला सामने आया है। मामले में खातेदार ने अपनी कंपनी के एकाउंटेंट व एक दोस्त के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। एफआईआर दर्ज कर कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। धोखाधड़ी का यह मामला सेक्टर दो बी 42 स्थित कंपंस पावर सिस्टम कंपनी के मालिक एसएन मिश्रा ने दर्ज कराया है। पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी कंपनी के अकाउंटेंट कुंदन और दोस्त रंजन ने मिलकर पहले उनकी चेक बुक चोरी की, फिर चेक बुक में पीछे की तरफ से तीन चेक चोरी कर उन पर फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे निकाल लिए। दो लाख रुपये की यह रकम सेक्टर-16 स्थित ऐक्सिस बैंक से निकाली गई है। कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की तफ्तीश कर रही है।

बम धमाकों के बाद होटलों की बुकिंग की रद

मुबंई के पांच सितारा होटलों में बुधवार रात हुए आंतकी हमले का सीधा-सीधा असर नोएडा के होटल व्यवसाय पर भी पड़ा है। हमले से अगले ही दिन यानी बृहस्पतिवार को प्रमुख होटलों के कारोबार में पच्चीस फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है। होटल प्रबंधकों को सुबह से ही कार्यक्रमों का आयोजन रद करने के फोन आने शुरू हो गए थे। आतंकी घटना से सहमी आईटी कंपनियों व अन्य महत्वपूर्ण लोगों ने अपने आयोजन हालात सामान्य होने तक रद कर दिए हैं।अकेले एमबीडी होटल रेडीसन में ही लगभग एक दर्जन बुकिंग रद हुई हैं। इनमें से अधिकतर अमेरिका आधारित सॉफ्टवेयर कंपनियों के सेमिनार, बेंक्वट हाल व कमरों की बुकिंग रद हुई है। रेडीसन होटल के महाप्रबंधक एनसी सोमाया का कहना है कि मुंबई में बम धमाके होने के बाद लोग यहां के होटलों को भी महफूज नहीं मान रहे हैं। बृहस्पतिवार को ही दस बुकिंग रद हो गई। हालांकि प्रबंधन की ओर से होटल में आने वाले अतिथियों की सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया गया है।मोजेक होटल प्रबंधन भी बुकिंग रद होने से मायूस है। यहां बृहस्पतिवार को आधा दर्जन बुकिंग रद हुई हैं। इनमें से कुछ बुकिंग पार्टियों की व कुछ बाहर से आकर ठहरने वाले लोगों की थी। मोजेक होटल के प्रबंधक व सुरक्षा प्रभारी अरुण सिंह का कहना है कि दिसंबर व जनवरी माह के दौरान ही होटल में सबसे अधिक होती हैं। मुंबई के पांच सितारा होटलों में आतंकी घटना होने से लोगों ने बुकिंग रद करवाना शुरू कर दी है। तीन बुकिंग तो बाहर से आकर ठहरने वाले लोगों ने रद करवाई है। घटना के बाद से कारोबार में बीस से पच्चीस फीसदी गिरावट आई है। बम धमाकों से होटल पार्क प्लाजा के व्यवसाय में कितनी गिरावट आई है, इसे प्रबंधन नहीं बता रहा है।

Wednesday, November 26, 2008

थाईलैंड में राजनीतिक संकट और गहराया

बैंकाक में मंगलवार रात मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद सेना प्रमुख द्वारा बुधवार को प्रधानमंत्री से देश में नए चुनाव कराने की मांग किए जाने से देश में जारी राजनीतिक संकट और गहरा गया।सशस्त्र प्रदर्शनकारियों द्वारा कब्जा किए जाने से सुवर्णभूमि हवाई अड्डे पर सभी उड़ानों को रद्द करके कामकाज को अस्थायी रुप से स्थगित कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने नियंत्रण टावर पर भी कुछ देर के लिए कब्जा कर लिया जिससे भारतीयों समेत हजारों यात्री हवाई अड्डे पर फंस गए। हवाई अड्डे पर उत्पन्न स्थिति की वजह से प्रधानमंत्री सोमचाई वोंगसावत को एपेक सम्मेलन से लौटने के बाद उत्तारी थाइलैंड में सेना के विमान बेस पर उतरना पड़ा। सोमचाई ने सेना प्रमुख जनरल अनुपोंग पाओचिंडा की नए चुनाव कराने की मांग पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सेना प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों से सुवर्णभूमि हवाई अड्डा छोड़ने की अपील की लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम रही।प्रदर्शनकारियों के नेता सुरियासाई कतासिला ने कहा कि जब तक मांगों पर बातचीत नहीं हो जाती तब तक उनके संगठन पीपुल्स अलायंस फार डेमोक्रेसी के कार्यकर्ता हवाई अड्डे से नहीं हटेंगे। स्थिति की समीक्षा के लिए सुरक्षा अधिकारियों, अर्थशास्त्रियों,शीर्ष सरकारी अफसरों तथा थिंक टैंक के सदस्यों से बातचीत के बाद पत्रकारों से बातचीत में जनरल पाओजिंडा ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर उनसे सदन को भंग करने तथा नए चुनावों की घोषणा करने के लिए कहेंगे। सेना प्रमुख ने कहा कि वह सरकार का तख्ता पलटने या उस पर दबाव डालने की कोशिश कतई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तख्तापलट की कार्रवाई नहीं है। समूची शक्ति अब भी सरकार के पास ही है। मेरे सुझाव उन समस्याओं के समाधान का रास्ता हैं जिनकी वजह से देश गहरे संकट में फंस गया है। पाओचिंडा ने कहा कि सेना प्रमुख होने के नाते अगर मैं तख्तापलट करता हूं तो देश की सारी परेशानियां एक साथ खत्म हो जाएंगी लेकिन इसके परिणाम ठीक नहीं होंगे। सेना प्रमुख ने कहा कि अधिकारी शहर में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति खराब होने और हवाई अड्डा बंद किए जाने पर चिंतित हैं। इस बीच समाचार एजेंसी टीएनए ने पाओचिंडा के हवाले से कहा है कि सेना ने देश में सरकार समर्थक और विरोधी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव को रोकने के लिए पुलिस, नौसेना तथा वायुसेना को एकजुट किया है। हवाई अड्डे पर कब्जा जमाए प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अडे़ हुए हैं। इससे पहले धातु की छड़ों से लैस प्रदर्शनकारी मंगलवार देर रात सुवर्णभूमि हवाई अड्डे के अंदर घुस गए। वे एपेक सम्मेलन के सिलसिले में गए प्रधानमंत्री के उड़ान कार्यक्रम का ब्यौरा देने की मांग कर रहे थे।हवाई अड्डे पर हर तरफ अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो गया था। इस स्थिति से नाराज और थके यात्री वहां से निकलने के लिए सही सूचना के लिए व्याकुल नजर आए। एयर एशिया थाई तथा मलेशियाई एयरलाइंस ने कहा कि उन्होंने बैंकाक के लिए अपनी सभी उड़ाने रोक दी हैं जबकि कुछ आने वाली उड़ानों के मार्ग परिवर्तित कर उन्हें देश के डोन मुआंग चियांग माई और फुकेट सहित अन्य हवाई अड्डों की ओर भेजा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के संगठन का कहना है कि सोमाचाई सरकार पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा के हाथों की कठपुतली जैसा व्यवहार कर रही है।गौरतलब है कि थाईलैंड में इससे पहले भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और तख्तापलट होते रहे हैं लेकिन ताजा प्रदर्शन ने हिंसक रुप ले लिया है और इसमें झड़पों के साथ ही ग्रेनेड हमले तक हो चुके हैं।थाईलैंड में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन के चलते वहां स्वर्णभूमि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित होने के बाद एयर इंडिया और जेट एयरवेज ने बृहस्पतिवार तक के लिए बैंकाक की उड़ानों को रद्द कर दिया है।

Monday, November 24, 2008

आखिर कहां गए फार्म?

रीमा व विमला सुबह से बच्चों को साथ लेकर सेक्टर-19 में घूम रही थीं। दोपहर तक उन्हें चुनाव आयोग द्वारा मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए लगाया गया बूथ नहीं मिल पाया था। थक हारकर दोनों दो बजे के लगभग सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचीं। यहां उनकी परेशानी हल होने के बजाए और भी बढ़ गई। कार्यालय कर्मचारियों ने बताया कि उनका बूथ सेक्टर-27 नोएडा क्लब में है। मन मसोस कर दोनों वहां के लिए चल दीं, लेकिन वहां बूथ लेवल अधिकारियों के पास फार्म नं-6 नहीं था। उन्हें एक फार्म फोटो स्टेट कर लाने के लिए थमा दिया गया। अब उनके सब्र का बांध टूट गया। रीमा व विमला ने बूथ लेवल अधिकारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई। पहचान पत्र नहीं बनाना है, तो साफ क्यों नहीं मना कर देते। समझ नहीं आ रहा है कि पहले जमा करवाए गए फार्म आखिर कहां गायब हो गए?

क्या है स्थिति:-यह सवाल सिर्फ रीमा व विमला की ही जुबान पर नहीं है, शहर के अनेक लोग इस स्थिति से दो-चार हो रहे हैं। नोएडा में ही लगभग 85 हजार लोगों ने मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए फार्म दिए थे। उनमें से महज 45 हजार लोगों के नाम ही मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं। जिले में अभी भी हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका न तो फोटो मतदाता पहचान पत्र बन पाया है, न ही मतदाता सूची में नाम दर्ज है।

दोबारा फार्म भर दो:-जिला निर्वाचन अधिकारी श्रवण कुमार शर्मा का कहना है कि जिनका मतदाता पहचान पत्र नहीं बन पाया है, वे दोबारा से फार्म भर दें। लोगों के फार्म खामी पाए जाने पर रद्द हुए होंगे। एक-एक व्यक्ति को तो फार्म रद्द होने के बारे में नहीं बताया जा सकता है। सभी राजनैतिक दलों को उसकी एक-एक कापी सौंपी गई थी। बूथ लेवल अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में फार्म नं-6 उपलब्ध कराए गए हैं।

क्या कहते हैं लोग:- ग्रेटर नोएडा के अल्फा वन सेक्टर निवासी दलजीत सिंह व मिताली चंदोला का कहना है कि उन्होंने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए एक साल पहले फार्म दिया था। उस समय छह माह बाद नाम सूची में आने की बात कही गई थी। उसके बाद पहचान पत्र बनाने के तीन अभियान चल चुके हैं, लेकिन अभी तक उनका नाम सूची में शामिल नहीं हो पाया है। गामा वन निवासी मधु सिंह व स्वेता सिंह ने भी छह माह पहले मतदाता सूची में शामिल होने के लिए फार्म दिया था, लेकिन उनका नाम भी अभी तक सूची में शामिल नहीं हुआ है। अल्फा निवासी अलोक व विवेक सिंघल ने कहा कि ऐसे अभियान चलाने का कोई फायदा नहीं है। लोगों को पहचान पत्र व मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए भटकना पड़ा रहा है। सुनीता सिंह व आरबी सिंह ने कहा कि वह लगातार तीन दिन से बूथ पर आ रहे है। लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा है कि नाम दर्ज हुआ है या नहीं।

अरबों रुपया खर्च, फिर भी जाम का झाम

हाईटेक शहर का यातायात हमेशा से बड़ी समस्या रहा है। दिल्ली से नजदीक इंडस्ट्रियल एरिया और मल्टीनेशनल कंपनियां होने के कारण शुरू से ही यहां पर वाहनों का दबाव काफी अधिक है। ऐसे में शहर में व्यवस्थित यातायात मुहैया कराने के लिए प्राधिकरण ने लगभग आधा दर्जन योजनाओं में तकरीबन पौने दो अरब रुपये खर्च किए। फिर भी यातायात का हाल पहले जैसा ही है। इनमें तीन योजनाएं पूरी तरह से फ्लाप साबित हुईं। दो योजनाएं ऐसी हैं, जिन्होंने खराब प्लानिंग की वजह से कुछ दिन में ही दम तोड़ दिया। फिलहाल प्राधिकरण की सबसे महंगी तीन नई योजनाओं पर काम चल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि इन योजनाओं के पूरा होने पर शहर की यातायात व्यवस्था में कुछ सुधार आ सकता है।

योजना जो फ्लाप रहीं:--पहली योजना गोल चक्कर से झुंडपुरा चौराहे तक 'उद्योग मार्ग' पर वन वे लागू किया गया।,-दूसरे में सेक्टर-18 मार्केट में दिशा सूचक बोर्ड व प्लास्टिक के स्प्रिंगर लगाकर वन वे लागू किया गया। नियम का पालन कराने के लिए मार्केट में सेवानिवृत्त फौजियों को तैनात किया गया।,-तीसरी योजना के तहत शहर के मुख्य मार्गो को स्प्रिंगर लगाकर वन वे किया गया।

प्रस्तावित योजना:--रजनीगंधा पर छह लेन का अंडरपास बनाने की,-डीपीएस वाली मुख्य सड़क पर तीन नए यू टर्न लूप तैयार करना,-'इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम' के तहत मुख्य चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे व डिस्पले बोर्ड लगाना,-विशेष तरह की ऑटोमैटिक रेड लाइट, जिन्हें मैनुअली भी ऑपरेट किया जा सके,-ज्यादा से ज्यादा चौराहों को सोलर सिस्टम से जोड़ने की

क्यों रहीं फ्लाप:-सेक्टर-18 मार्केट में दुकानदारों का समर्थन न मिलना सबसे बड़ा कारण रहा। इसके अलावा पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होना और नियम का सख्ती से पालन न कराना भी मुख्य वजह थी। शहर की मुख्य सड़कों पर वन वे से लोगों को बिना वजह कई किलोमीटर ज्यादा का चक्कर काटना पड़ा। ऐसे में योजना को लोगों का सहयोग नहीं मिला। दो दिन बाद ही योजना वापस ले ली गई। वहीं ट्रैफिक पुलिस उद्योग मार्ग पर वन वे को सख्ती से लागू नहीं कर सकी। अब इस सड़क पर वन वे का बोर्ड अवैध कमाई का जरिया बन चुका है।किस योजना में कितना खर्च आया,-उद्योग मार्ग पर वन वे - 10,000 रुपये,-सेक्टर 18 में वन वे- करीब 5 लाख रुपये,-मुख्य सड़कों पर वन वे - 5-7 लाख,-रजनीगंधा पर प्रस्तावित छह लेन का अंडर पास - 28 करोड़ 28 लाख रुपये (शुरू में),-डीएससी रोड़ पर बने नौ यू टर्न - 18-20 करोड़ रुपये,-एमिटी क्रॉसिंग फ्लाईओवर सेक्टर 44 - 66।70 करोड़ रुपये (शुरू में),-सेक्टर 14ए फ्लाईओवर टी जंक्शन -26.39 करोड़ रुपये (शुरू में),-अट्टा क्रासिंग पर बन रहा अंडर पास-28.62 करोड़ रुपये

Sunday, November 23, 2008

कॉलेज निदेशक पर शोषण का आरोप

दादरी स्थित आरवी नार्द लैंड इंस्टीट्यूट की छात्रा ने कालेज के निदेशक पर शारीरिक शोषण के प्रयास का आरोप लगाया है। छात्रा ने इसकी शिकायत यूपीटीयू कार्यालय में भी की है। उधर, निदेशक ने छात्रा के आरोपों को निराधार बताया है। हालांकि कॉलेज के चेयरमैन ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

दादरी के आरवी नार्थ लैंड इंस्टीट्यूट में फार्मेसी की छात्रा ने कॉलेज के निदेशक पीके शर्मा पर आरोप लगाया है कि नंबर बढ़ाने के नाम पर निदेशक ने उसका शारीरिक शोषण करने का प्रयास किया।कॉलेज के चेयरमैन बिजेंद्र का कहना है कि इस संबंध में उन्हें जानकारी मिली है। सेशनल परीक्षाएं समाप्त होने के बाद उन्होंने छात्रों के साथ मीटिंग की थी, लेकिन उस समय किसी छात्र अथवा छात्रा ने किसी तरह की शिकायत नहीं की। इस संबंध में निदेशक से भी बात की गई है। उन्होंने इन आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि कॉलेज में छात्रों की हर माह परीक्षा ली जाती है। कई छात्र परीक्षा देने से बचते हैं। छात्रा ने भी निदेशक पर इसी वजह से आरोप लगाया दिया होगा। हालांकि उनका कहना है कि आरोपों की जांच कराई जाएगी।उधर, आरोपी निदेशक पीके शर्मा का कहना है कि छात्रों से पिछले पांच सालों के यूपीटीयू के प्रश्नपत्रों को हल कराया जा रहा है, ताकि उन्हें परीक्षा में नियत समय में प्रश्नों को हल करने में दिक्कतें न आएं। इससे कुछ छात्र खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि आज ही सेशनल परीक्षाएं समाप्त हुई हैं। शिक्षक छात्रों की कापियां जांच कर उन्हें दिखाते हैं। इसलिए नंबरों में हेर-फेर करना संभव नहीं है। छात्रा के आरोप बेबुनियाद हैं।

आर्ट ऑफ लिविंग को आतंकवाद से जोड़ना सोची-समझी साजिश

आर्ट ऑफ लिविंग को आतंकवाद से जोड़ना सोची-समझी साजिश है। यह सब राजनैतिक लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। श्रीश्री रविशंकर ने सेक्टर-32 में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग विश्व में शांति का संदेश देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दर्शन लाइन के दौरान शिविर में आने वाले लोगों का कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता है। ले. कर्नल श्रीकांत पुरोहित कब शिविर में आए, कब उनसे मिले, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यह कहना सरासर गलत है कि कर्नल ने मालेगांव धमाकों की सारी योजना उन्हें बताई थी। मानसिक तनाव दूर करने के उपाय जानने उनके पास कई सैन्य अधिकारी आते हैं। उन पर कैसे शक किया जा सकता है। कर्नल पुरोहित के बारे में कोई भी जानकारी उनके पास होती, तो वह उससे बात कर हिंसा का पथ त्यागने की शिक्षा देते। इसके लिए वह किसी भी जांच से गुजरने को तैयार हैं। जांच में हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।

हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से जेल में आतंकवादियों व श्रीलंका में माओवादियों को सुदर्शन क्रिया करवाई जा रही है। उनमें लिट्टे से लेकर हिजबुल मुजाहिदीन तक के आतंकी शामिल होते हैं। उन्हें सही राह अपनाने को योग की शरण में आने के लिए प्रेरित किया जाता है, लेकिन यह कहना सरासर गलत है कि आर्ट ऑफ लिविंग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। वह तो आतंकवाद से जुड़े लोगों को खुला निमंत्रण देते हैं कि वह उनके शिविर में आएं व अपनी मानसिकता बदलें। किसी को फासी चढ़ाने से आतंकवाद जैसी समस्या का समाधान होने वाला नहीं है। चाहे वह अफजल गुरु ही क्यों न हो। साधु समाज की आड़ में अगर कोई आतंक को बढ़ावा दे रहा है, तो यह बहुत ही निंदनीय है।पंचमढ़ी में 16 से 18 अक्तूबर तक कर्नल पुरोहित द्वारा लगाए गए बच्चों के शिविर में आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक जिगीस सुदर्शन क्रिया व प्राणायाम करवाने गए थे। शिविर में रोजाना सुबह छह से सात बजे तक एक घंटे पचास बच्चों को सुदर्शन क्रिया करवाई जाती थी। शिविर किस उद्देश्य से चलाया जा रहा था, उसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। जिगीस ने कहा कि वह छतीसगढ़ में थे व उन्हें कहा गया कि बच्चों में देशभक्ति की भावना को जागृत करने के लिए शिविर लगाया गया है। उसमें जाकर अध्यात्मिक शिक्षा देनी है। इस दौरान वह कर्नल पुरोहित से एक बार मिले, लेकिन ऐसा कभी नहीं लगा कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं।

Friday, November 21, 2008

30 लाख के आभूषण उड़ाए

देश की राजधानी दिल्ली अब आम लोगों के लिए महफूज नहीं रह गया है। शुक्रवार को मधुवन चौक स्थित राजस्थली अपार्टमेंट में रहने वाले आभूषण व्यवसायी सौरभ जैन के तीस लाख रुपये के आभूषण सहित तीस हजार रुपये नकद उच्चकों ने उड़ा लिए।जानकारी के अनुसार सौरभ शुक्रवार के दिन करीब दो बजे अपने घर से अपनी कार से प्रशांत विहार में बच्चों के लिए दवा व दूध खरीदने आए थे। उनके साथ उनकी एक वर्षीय बेटी व नौकर भी साथ था। दवा खरीदने के बाद जब वह अपने करोलबाग स्थित आफिस के लिए चले तो रास्ते में उन्हें कार में रखे अपने ब्रीफकेस को ध्यान आया। उसे खोजने पर वह कार से गायब मिला। सौरभ के मुताबिक उस ब्रीफकेस में तीस लाख रुपये के हीरे के जेवरात व तीस हजार रुपये थे। ब्रीफकेस में कागजात आदि भी थे। रास्ते से ही लौटकर वे प्रशांत विहार आए। उन्होंने इस घटना की जानकारी प्रशांत विहार पुलिस दे ही रहे थे कि तभी इन्हें आदर्श नगर थाने के हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार का उनके पास फोन आया कि उनका ब्रीफकेस आदर्श नगर इलाके में लावारिस मिला है। सौरभ तुरंत आदर्श नगर थाने पहुंच गए। ब्रीफकेस तो उन्हें मिल गया लेकिन उसमें रखे आभूषण व नगदी गायब थे। केवल उसमें कागजात रखे हुए थे। हैरानी की बात यह है कि प्रशांत विहार थाने में मामला दर्ज नहीं की गई हैं। सौरभ ने बताया कि प्रशांत विहार पुलिस कह रही है कि जहां उन्हें ब्रीफकेस गायब होने का पता चला है यह मामला वही दर्ज कराए।

देह-व्यापार की शहजादी सोनू पंजाबन गिरफ्तार

देह-व्यापार के बाजार की शहजादी के नाम से मशहूर सोनू पंजाबन समेत उसके गिरोह में शामिल पंद्रह सदस्यों को साकेत पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार होने वालों में चार हाईप्रोफाइल कॉलगर्ल, जबकि दस दलाल हैं। पुलिस ने गिरोह से लड़कियों को लाने-ले जाने में प्रयुक्त सेंट्रो कार भी जब्त कर ली है।दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त हरगोविंद सिंह धालीवाल के अनुसार सूचना मिली कि देह व्यापार से जुड़ी सोनू पंजाबन व उसका गिरोह साकेत पीवीआर के समीप मौजूद हैं। इसके आधार पर एसीपी मेहर सिंह की देखरेख में गठित हुई एसएचओ साकेत पंकज सिंह की टीम ने साकेत के समीप जाल बिछा एसआई प्रवीण कुमार व एएसआई वीरेंद्र को फर्जी ग्राहक बनाकर पीवीआर सिनेमा के समीप भेजा गया। वहां पीवीआर पार्किग में दो लड़कियां व तीन दलाल, जबकि पीवीआर के सामने दो लड़कियां व तीन दलाल थे। फर्जी ग्राहक बने पुलिसकर्मियों ने सौदेबाजी के दौरान पता लगाया कि गिरोह संचालक सोनू पंजाबन चार अन्य युवकों के साथ समीप में खड़ी सेंट्रो कार में बैठी है। इशारा मिलते ही आसपास मौजूद पुलिस टीम ने सबको दबोच लिया। पुलिस ने सेंट्रो कार भी जब्त कर ली है।ज्ञात हो कि सोनू पंजाबन का एक नाम गीता भी है। ठिकाना बदलने में माहिर सोनू आजकल नेब सराय इलाके से धंधा चला रही थी।

अपराधियों से रहा है गहरा नाता:-पुलिस मुठभेड़ में ढेर कुख्यात गैंगस्टर हेमंत, विजय व दीपक से सोनू पंजाबन का गहरा नाता रहा है। इसके अलावा हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तार प्रदेश के कई बड़े गैंगस्टरों के भी संपर्क में वह थी। इसी कारण उसके संबंध भी काफी रसूखदार लोगों से हो गए थे। आधुनिक जीवनशैली जीने की आदत पड़ने के कारण सोनू पंजाबन धीरे-धीरे देह व्यापार के धंधे में आ गई। कुछ समय के बाद उसने अपना गिरोह बनाकर युवतियों का सप्लाई करना शुरू कर दिया। इस काम में उसे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि ग्राहक हाईप्रोफाइल थे तथा सभी उसके पुराने भी परिचित थे। सोनू के संबंधों का असर यह था कि छोटे-मोटे बदमाश तो उसके नाम से ही डरते थे।

माडलिंग व एक्टिंग में जाने की इच्छुक लड़कियों को देती थी मोटी तनख्वा:-फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली बला की खूबसूरत सोनू पंजाबन अपने हाईप्रोफाइल ग्राहकों को सप्लाई करने के लिए मॉडल व हेरोइन बनने की इच्छुक लड़कियों को मोटा वेतन देती थी। इस काम में दिल्ली व मुंबई समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में फैला उसका नेटवर्क मदद करता था। यही वजह है कि वह दिल्ली से ही एक फोन पर मुंबई अथवा किसी भी अन्य बड़े शहर में कॉलगर्ल उपलब्ध करा देती थी। सोनू के संपर्क में स्टेज शो करने वाली कई युवतियां भी थीं जिनका प्रयोग वह फार्महाउस या अन्य स्थानों पर डांस कार्यक्रम में करती थी। कई विदेशी युवतियां भी उसके नेटवर्क में शामिल थीं। वह ग्राहकों से युवतियों की कीमत पांच से पच्चीस हजार रुपये तक वसूलती थी।

खादी-खाकी के साथ उद्योग जगत में भी रसूख:-सोनू पंजाबन पहले भी कई बार पकड़ी जा चुकी है, लेकिन अपने संबंधों व रसूख के कारण जल्द ही बाहर भी आ जाती है। बताया जाता है कि सोनू के संपर्क में कई नेता, पुलिस अधिकारी व उद्योग जगत से जुड़े लोग भी रहे हैं। पुलिस अब सोनू पंजाबन के मोबाइल डायरियों की पड़ताल में जुटी है।

Wednesday, November 19, 2008

तो यहां बाढ़ ही खा गई खेत

नई टिहरी में अवैध रूप से एक हजार से अधिक पेड़ काटने के मामले की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सीएम के प्रमुख सचिव ने आज नई टिहरी के एसडीएम को तलब कर मामले की विस्तृत जानकारी ली। बताया जा रहा है कि इस मामले में अभी कई और लोगों के खिलाफ भी एक्शन हो सकता है।

शासन स्थित सूत्रों ने बताया कि नई टिहरी के एसडीएम ने सीडीओ को दी अपनी रिपोर्ट में कई खास बिंदुओं का खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि वन विभाग से केवल 40 पेड़ काटने की अनुमति ली गई पर वास्तव में मौके पर 1070 पेड़ काटे गए। 350 मीटर लंबे और तीन मीटर चौड़े मार्ग के लिए विधायक निधि से एक लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। सीडीओ दफ्तर की ओर से इसमें से 75 हजार रुपये ही प्रधान के पास भेजे गए। इसके बाद रिसोर्ट स्वामी वीरेंद्र सजवाण ने एक लाख रुपये का ड्राफ्ट तैयार करवाकर प्रधान की ओर से डीएफओ को भिजवाया। इस राशि से बाकी सड़क का निर्माण कराया गया। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि डीएफओ एचके सिंह ने अपनी पत्नी के नाम से जमीन खरीदी है। एक प्रभावशाली व्यक्ति के रिसोर्ट व पत्नी की जमीन तक सड़क पहुंचाने के लिए ही इतने ज्यादा पेड़ कटवाए गए और 350 मीटर की स्वीकृति के स्थान पर अवैध रूप से 1005 मीटर तक सड़क खोदी गई। विभाग के अफसर का मामला होने के कारण नीचे के अधिकारी मौन रहकर तमाशा देखते रहे। संभावना इस बात की भी है कि यहां डीएफओ के अलावा भी अन्य अफसरों की जमीनें हो सकती हैं। इस बारे में रजिस्ट्री आफिस से ब्योरा मांगा गया है। यह रिपोर्ट एक अन्य गंभीर खामी की ओर भी इशारा कर रही है। नियमानुसार सब रजिस्ट्रार के यहां किसी जमीन का बैनामा होने से पहले पटवारी से एक प्रमाण पत्र लिया जाना चाहिए। इसमें खरीदी जा रही जमीन की वन भूमि से दूरी और जमीन में खड़े पेड़ों का पूरा ब्योरा दिया जाना जरूरी होता है। इस स्थान पर जमीन के बैनामे के पटवारी से यह प्रमाण पत्र लिए बगैर ही कर दिए गए। इस मामले का खुलासा होने के बाद कुछ अफसरों को निलंबित करके दूसरे कार्यालयों से संबद्ध कर दिया गया है। आज मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुभाष कुमार ने मामले की प्रारंभिक जांच करने वाले एसडीएम हरक सिंह रावत को तलब कर विस्तृत जानकारी ली। सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी कुछ और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

ओपीडी सेवाएं बहाल, हड़ताल स्थगित

पिछले कई दिनों से चल रही डाक्टरों की हड़ताल शासन के लिखित आश्वासन के बाद स्थगित हो गई। मंगलवार को डाक्टरों ने सांकेतिक पूर्ण बहिष्कार रखा था, लेकिन शासन के आश्वासन के बाद सभी अस्पतालों में ओपीड़ी सेवाएं बहाल हो गई हैं। इससे शासन के साथ ही मरीजों ने भी राहत की सांस ली।प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर मंगलवार को पूरे प्रदेश में पूर्ण कार्य बहिष्कार प्रस्तावित था, लेकिन ऐन वक्तपर स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने डाक्टरों को वार्ता के लिए बुलाया भेज दिया। वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री ने डाक्टरों को उनकी सभी मांगे पूरी कराने का भरोसा दिलाया। प्रांतीय अध्यक्ष डा. एलएम उप्रेती ने कहा कि मूल वेतन व ग्रेड पे का 25 प्रतिशत एनपीए दिया जाए, वर्ष 1976 से केंद्र के साथ डीए चल रहा है और यही न्यायसंगत होगा कि एनपीए 25 प्रतिशत ही मिले। उन्होंने कहा कि यह मांग एक जनवरी 2006 से अनुमन्य से पूरी की जाए। त्रिपाठी समिति प्रथम प्रतिवेदन में एनपीए को सम्मिलित न किए जाने से चिकित्सक अपना विकल्प तक नहीं दे पा रहे हैं। वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री निशंक ने डाक्टरों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी मांगों के प्रति शासन गंभीर है और विचार कर रहा है उनकी मांगों पर शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन पर विश्वास व्यक्त करते हुए चिकित्सकों ने मंगलवार के पूर्ण कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया। साथ ही प्रतिदिन दो घंटे का कार्य बहिष्कार भी स्थगित कर दिया। महासचिव डा. डीपी जोशी ने बताया कि वेतन समिति की सिफारिशों की रिपोर्ट उपलब्ध होने पर प्रदेश कार्यकारिणी समीक्षा करेगी। वार्ता के दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ने लिखित आश्वासन दिया। वार्ता में उपाध्यक्ष डा. एसडी जोशी, डा. आरके पंत सीएमस, डा. आरके सिंह, डा. एनके मिश्रा, डा. एसडी सकलानी, डा. कुश ऐरन, डा. एसके झा, अपर सचिव टीके पंत आदि मौजूद थे।

चुनाव अगली बैठक में तय होंगे:-प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के चुनाव की चर्चा भी जोर पकड़ने लगी है। प्रांतीय अध्यक्ष एलएम उप्रेती ने कहा कि चुनाव पर निर्णय संघ की अगली बैठक में लिया जाएगा। पूर्व उपाध्यक्ष डा. बीसी रमोला के मुताबिक संविधान के तहत नवंबर माह में चुनाव होने चाहिए। इस पर प्रातीय महासचिव डा. डीपी जोशी ने अनभिज्ञता जतायी। अध्यक्ष एलएम उप्रेती ने कहा चुनाव पर निर्णय संघ की बैठक में लिया जाएगा।

Saturday, November 15, 2008

तमंचा बनाने की अवैध फैक्टरी का भंडाफोड़

नोएडा पुलिस ने देशी तमंचे बनाने की एक फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने भारी मात्रा में तमंचे, कारतूस और औजारों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी खादर क्षेत्र में पिछले कुछ समय से तमंचे बनाने का काम कर रहे थे। कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आ‌र्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान काजिमाबाद, मेरठ निवासी मुईनुद्दीन और सीकरी फाटक डी लाइन मोदीनगर, गाजियाबाद के रहने वाले इकबाल के रूप में की गई है। पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी खादर में एक खंडहरनुमा कमरे में तमंचे बनाने का काम कर रहे थे। यह लोग एक तमंचा दो हजार से तीन हजार रुपये का बेचते थे। पुलिस इनके पास से पाइप के दस टुकड़े, पांच तमंचे, दो बंदूक, तीन अधबने तमंचे व 17 कारतूस बरामद बता रही है। पुलिस ने पूछताछ में पता किया है कि दोनों आरोपी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए पिछले करीब चार महीनों से यह काम कर रहे थे। इनमें से इकबाल तमंचे बेचता था और मुईनुद्दीन बनाता था। मुईनुद्दीन ने यह काम अपने ताऊ रज्जाक से सीखा है। वह भी तमंचे बनाने का काम करता है और अभी मेरठ में है। पुलिस यह भी बता रही है कि इन दोनों आरोपियों को नोएडा का एक युवक यहां लेकर आया था। उसी ने इन लोगों को वो खंडहर दिखाया था। यह लोग प्रत्येक तमंचे की बिक्री पर उसे भी पांच सौ रुपये दिया करते थे।

अनसुलझे सवाल

-आरोपी नोएडा में कहां रह रहे थे

-खादर के जिस खंडहर में तमंचे बनाने का काम हो रहा था, वह किसका है

-दोनों यहां पर कबसे तमंचे बना रहे थे

-दोनों को यहां लाने वाला युवक कौन है

-इनके पास से जो कारतूस मिले हैं वह कहां से लाते थे

-यहां पर किसको-किसको तमंचे बेचे

-रज्जाक को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया

-पुलिस ने इनके चेहरे पर कपड़ा क्यों डाला, जबकि पिछले माह तीन तमंचों के साथ सेक्टर-37 से गिरफ्तार दो आरोपियों के चेहरे पर नकाब नहीं था

-कोतवाली-39 क्षेत्र में कहीं बड़े पैमाने पर तो अवैध हथियार बनाने का काम नहीं चल रहा, जिसका पुलिस पता नहीं लगा पा रही? पिछले करीब एक माह में इसी कोतवाली में इस तरह के दो मामले सामने आ चुके हैं।

Friday, November 14, 2008

रख-रखाव के अभाव में तीस प्रतिशत खाद्यान बर्बाद

भारत में रख-रखाव के अभाव में 30 प्रतिशत खाद्यान बर्बाद हो रहे हैं। कोल्ड स्टोरों की कमी इसकी सबसे बड़ी वजह ंहै। ये बातें केंद्रीय खाद्य व प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहीं। केंद्रीय मंत्री एमिटी विश्वविद्यालय में खाद्य सुरक्षा पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।एमिटी विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को 'कटाई के उपरांत तकनीक, शीत श्रृंखला प्रबंधन एंव खाद्य सुरक्षा' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया था। इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय खाद्य व प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कांत सहाय थे। कार्यशाला में कृषि राज्य मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद थे। सुबोध कांत सहाय ने कहा कि वैश्वीकरण के बदलते युग में केवल खाद्यान्नों की ही नहीं बल्कि, दुग्ध उत्पादन व मुर्गी पालन के क्षेत्र में भी काफी विकास हुआ है। लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए कोल्ड स्टोरों की संख्या काफी कम हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भारत में सब्जी व फल उत्पादन का 20-30 प्रतिशत हिस्सा रख-रखाव के अभाव में बर्बाद हो रहे हैं।

पुलिस व्यवस्था में रही खामियां

नोएडा शहर में पहली बार हुए बम धमाके के समय पुलिस व्यवस्था पूरी तरह तार-तार नजर आई। शायद पुलिस अधिकारियों ने नोएडा में पहली बार हुई बम धमाके की घटना को गंभीरता से नहीं लिया और कदम-दर कदम चूक करते रहे। पुलिस न लोगों को नियंत्रित कर सकी, न ही यातायात को। जिस स्थान पर बम फटा था, वहां अगर दूसरा बम फटता तो घटना इतनी बड़ी हो जाती कि इससे निपटना पुलिस व प्रशासन दोनों के लिए मुश्किल हो जाता। क्योंकि घटनास्थल पर वाहन व लोगों का आना-जाना बरकरार रहा।बम धमाके की सूचना के बाद सबसे पहले पुलिस को बार्डर सील करने चाहिए थे, लेकिन घटना के बाद कहीं भी चेकिंग तक नहीं की गई। शहर के सभी प्रवेश द्वार पर वाहनों की आवाजाही अन्य दिनों की भांति होती रही। पुलिस की दूसरी चूक रही कि जिस जगह बम फटा, वहां से वाहन व लोगों की आवाजाही को पूरी तरह रोक देनी चाहिए था, लेकिन पुलिस ने ऐसा करना मुनासिब नहीं समझा।

Wednesday, November 12, 2008

आवारा कुत्तों के गले में आरडब्ल्यूए बांधेगा पट्टा

नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के बाद आवारा कुत्तों पर पट्टा बांधने के लिए आरडब्ल्यूए ने कमर कस ली है। अब विंडसर एंड नोवा सोसायटी आरडब्ल्यूए ने कुत्तों को भगाने के लिए ट्रेंड चौकीदारों को रखा है, जो 4 हजार रुपये प्रतिमाह पर सोसायटी से कुत्तों को भगाने का कार्य करेंगे ।विंडसर एंड नोवा सोसायटी में पिछले साल भर से लोग आवारा कुत्तों से परेशान है। इससे आजिज आरडब्ल्यूए ने नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग से कुत्तों को भगाने के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया, लेकिन दोनों ही विभागों ने पर्याप्त कर्मचारी और संसाधन न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।ऐसे में अब आरडब्ल्यूए ने आवारा कुत्तों की परेशानी से निपटने के लिए खुद ही समस्या का हल ढूंढ निकाला है। आरडब्ल्यूए ने सोसायटी में कुत्तों को भगाने के लिए ट्रेंड चौकीदारों को रखा है। यह चौकीदार सोसायटी के रोड पर साइकिल से घूमेंगे और आवारा कुत्तों निगरानी रखेंगे। कुत्ता मिलने पर उसे सोसायटी से बाहर भी भगाएंगे।आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि सरकारी महकमे तो लोगों की समस्याओं के लिए गंभीर होते ही नहीं, ऐसे में रेजीडेट के हित में कार्य करना आरडब्ल्यूए का दायित्व बन जाता है। इसी को देखते हुए पहले आरडब्ल्यूए ने बंदरों से बचने के लिए कार्रवाई की थी और अब आवारा कुत्तों से निपटने के लिए भी रास्ता ढूंढ लिया है।

अंधकार को एक नन्हा दीपक भगा देता है : नरेन्द्र गिरि

समाज में व्याप्त अंधकार को दूर करने के लिए दीपक बनो। दीपक कितना भी छोटा क्यूं न हो, अंधकार मिटाने में सक्षम होता है। सदियों के अंधकार को एक छोटा सा दीपक भी भगा देता है।उक्त विचार आज श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के 554वें प्राकट्योत्सव के समापन अवसर पर पाली राजस्थान से आये सिद्ध संत नरेन्द्र गिरि जी महाराज ने व्यक्त किये। श्री गिरि महाराज ने कहा कि राम चाहते तो रावण को सीधा भी मार सकते थे, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। क्योंकि अगर वह सीधे रावण का वध कर देते तो वध के बावजूद उसकी विचारधारा यहां रह जाती। अपनी इसी विचारधारा के चलते रावण वध के बाद भी समाज में जीवित रह जाता। प्राकट्योत्सव के समापन अवसर पर भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार किया गया। विश्वविख्यात तांत्रिक चंद्रास्वामी ने भी श्रृंगार दर्शन कर भगवान दूधेश्वर का अभिषेक किया।

Sunday, November 9, 2008

फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने का भंडाफोड़

नोएडा। पुलिस ने रविवार को फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाकर हथियार खरीदने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। महज दस से बीस हजार रुपये में 30 लोगों ने अपना फर्जी लाइसेंस बनवाकर शस्त्र खरीदे हैं। पुलिस इनमें से आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, बाकी की तलाश जारी है।नोएडा पुलिस की सर्विलांस टीम व एसओजी ने इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश किया है। इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड दिल्ली के एक सांसद का सुरक्षा गार्ड [पीएसओ] है। सूत्रों के अनुसार दूसरा आरोपी दिल्ली के ही एक अरबपति व्यवसायी के यहां अब भी बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात है। इस संबंध में सेक्टर 24 कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है।पुलिस के मुताबिक फिरोजाबाद के गढ़ीदान सहाय गांव का रहने वाला गिरोह का मास्टरमाइंड और सांसद का सुरक्षा गार्ड अनिल यादव खुद को दिल्ली पुलिस में तैनात बताता था। उसके पास से दिल्ली पुलिस का एक पहचान पत्र भी बरामद हुआ है। यह पहचान पत्र दिल्ली पुलिस के स्वीपर कश्मीरी लाल का है, जिस पर अनिल ने वर्दी में अपनी फोटो लगा रखी थी। इसके अलावा पुलिस को अनिल के पास से आदर्श पंचायती राज प्रेस [भारत सरकार] का भी एक फर्जी पहचान पत्र मिला है। अनिल पांचवीं कक्षा तक ही पढ़ा है।पुलिस को अनिल के पास से 32 बोर की एक देसी रिवाल्वर बरामद हुई है, जिसका उसके पास लाइसेंस था। रिवाल्वर पर फर्जी नंबर भी पड़ा था, जबकि देसी रिवाल्वर का कोई लाइसेंस नहीं होता है।

पुलिस को इस गोरखधंधे का पता दो माह पहले शस्त्र विक्रेताओं की छानबीन के दौरान चला। अभियान में पुलिस को सेक्टर-22 स्थित इंडियन गन हाउस से दो ऐसी दुनाली बंदूकों की जानकारी मिली, जिनके लाइसेंस संबंधित जिले के जिलाधिकारी के यहां से प्रमाणित नहीं हुए थे। इसके बाद पुलिस ने इन बंदूकों की जानकारी जुटाना शुरू किया। पुलिस ने मामले में सबसे पहले इन बंदूकों का पता किया। इनके जरिए पुलिस को पता चला कि मामले का मास्टरमाइंड अनिल है। मामले की छानबीन करने पर पुलिस को आठ और लोगों की जानकारी मिली, जो दिल्ली में बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात थे। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर रविवार को इन लोगों को गिरफ्तार किया।अनिल को पुलिस ने रविवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सेक्टर 12-22 चौराहे से गिरफ्तार किया। हालांकि पुलिस उसके साथ मौजूद उदय राज को गिरफ्तार नहीं कर सकी और वह भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब रहा। साथ ही पुलिस ने फर्जी लाइसेंस पर बंदूक खरीदने वाले गढ़ ग्राम कुंजेरा जिला मथुरा निवासी हरी सिंह उसके भाई गोविंद सिंह व इनके भतीजे लक्ष्मण सिंह को एक-एक दोनाली बंदूक और फर्जी लाइसेंस के साथ गिरफ्तार किया।सोनाई गांव जिला मथुरा निवासी गोविंद सिंह के साले महिपाल के यहां जब पुलिस ने दबिश दी तो वह अपनी दोनाली बंदूक और लाइसेंस छोड़कर भाग निकला। हालांकि पुलिस ने उसके बेटे राकेश को एक दोनाली बंदूक और फर्जी लाइसेंस के साथ गिरफ्तार कर लिया। इनके अलावा धर्मनगर फिरोजाबाद निवासी राजवीर सिंह और निजामपुर, शिकोहाबाद निवासी प्रमोद को एक सिंगल बैरल बंदूक व फर्जी लाइसेंस के साथ गिरफ्तार किया है। इसी तरह बृजेश के पास से पुलिस को 32 बोर की एक रिवाल्वर आर्डिनेंस फैक्ट्री, कानपुर का बनी हुई मिली। साथ ही उसके पास दो लाइसेंस बरामद हुए। इनमें से एक उत्तर प्रदेश का और दूसरा ऑल इंडिया का था। पुलिस को इन लोगों के पास से कुल पांच दोनाली बंदूक, दो सिंगल बैरल बंदूक, दो रिवाल्वर, आठ फर्जी लाइसेंस बरामद हुए हैं। गिरोह के मास्टरमाइंड के पास से पुलिस को फिरोजपुर, पंजाब, जैसलमेर, राजस्थान, फिरोजाबाद, मैनपुरी, ऊधमपुर के जिलाधिकारियों, प्रभारी अधिकारी आयुक्त, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस लाइसेंसिंग दिल्ली, होम सेकेट्री डिपार्टमेंट, पंजाब व राजस्थान सरकार की विभिन्न प्रकार की 22 मोहरें बरामद हुई हैं। इनका प्रयोग कर अनिल फर्जी लाइसेंस बनाने, उनका सीमा विस्तार करने और रिनुअल का काम करने में करता था। इसके अलावा पुलिस को उसके पास से 22 फर्जी शस्त्र लाइसेंस की फोटो कॉपी भी बरामद हुई हैं।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों ने शस्त्र मथुरा के आर्य समाज रोड स्थित शर्मा गन हाउस और नोएडा के सेक्टर-22 स्थित इंडियन गन हाउस के यहां से खरीदे थे। उन्होंने बताया कि अगर मामले में शस्त्र दुकानदारों की मिलीभगत उजागर होती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। गिरोह के अन्य लोगों की धर पकड़ के लिए पुलिस अब भी छापेमारी कर रही है।

Saturday, November 8, 2008

बिपाशा बसु : सेक्सी शब्द से चिढ़

Bipasha


बिपाशा बसु को लगने लगा है कि सेक्सी छवि की वजह से उनके अभिनय पर कोई गौर नहीं करता है। उन्होंने ‘कॉरपोरेट’ और ‘गोल’ जैसी फिल्मों में उम्दा अभिनय किया, लेकिन जब लोगों से उनके अभिनय के बारे में पूछा तो जवाब मिलता है ‘आप बड़ी सेक्सी लगी।‘
सेक्सी शब्द सुन-सुनकर बिपाशा बोर हो गई हैं। वे चाहती हैं कि उनके अभिनय की भी चर्चा की जाए। ‘पंख’, ‘लम्हा’ और ‘शबचरित्रो काल्पनिक’ जैसी फिल्में वे इसीलिए कर रही हैं कि उन्हें भी बेहतर अभिनेत्री कहा जाए। बॉलीवुड की नायिकाएँ अजीब हैं। फिल्मों में जब वे कदम रखती हैं तो सेक्सी दिखने का कोई अवसर वे नहीं छोड़ती। उन्हें जब सेक्सी कहा जाता है तो उनके चेहरे पर लंबी मुस्कान फैल जाती है। जब थोड़ी सफल फिल्में उनके खाते में जमा हो जाती हैं तो वे ‘सेक्सी’ शब्द से चिढ़ने लगती हैं। बिपाशा भी इसकी अपवाद नहीं हैं।

Thursday, November 6, 2008

पिता और भाई ने ही उतार दिया मौत के घाट

निर्मेश त्यागी

प्रेमप्रसंग से परेशान होकर
युवतियों की गोली मारकर हत्या
प्रेमप्रसंग से नाराज परिजनों ने
बुआ और भतीजी को सुला
दिया मौत की नींद
ग्रेटर नोएडा भर में दहशत

नोएडा, 6 नवंबर । प्रेमप्रसंग से परेशान होकर ग्रेटर नोएडा में परिजनों ने ही घर की दो युवतियों की गोली मारकर हत्या कर दी। इस बीच जहां दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हत्यारे पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया था।
दोनों युवतियां कुछ दिन पूर्व अपने-अपने प्रेमी के साथ घर से गायब हो गई थी। जिससे परेशान होकर परिजनों ने दोनों युवतियों की हत्या कर दी। पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
एसपी देहात सुरेन्द्र वर्मा ने बताया कि थाना सूरजपुर पुलिस को सूचना मिली कि कस्बा क्षेत्र में दो युवतियों को मौत के घाट उतार दिया गया है। पुलिस सूचना मिलते ही कुछ समय बाद मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दो शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों युवतियों की हत्या के आरोप में पिता गोपीचंद और भाई चंद्रपाल को गिरफ्तार कर लिया। दो युवतियों की हत्या एक साथ होने की सूचना पर क्षेत्र के सैकड़ों लोग एकत्र हो गए। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद दिल दहालाने वाली काहनी सामने आई है। आरोपियों ने बताया कि उनकी बेटी और भतीजी का पास में ही रहने वाले दो युवकों के साथ प्रेमप्रसंग चल रहा था। उन्हें जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सभी को समझाने का प्रयास किया और कभी न मिलने की हिदायत दी। इसके बाद भी दोनों युवतियों का युवकों के साथ प्रेमप्रसंग चलता रहा। कुछ दिन पूर्व दोनों युवतियां अपने-अपने प्रेमियों के साथ घर से फ रार हो गई। इसके बाद काफी प्रयास के बाद दोनों को तलाश कर घर वापस लाया गया। इस बीच दोनों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों ने बात मानने से साफ इंकार कर दिया।
आरोपी पिता का कहना है कि जिन युवकों के साथ वो फरार हुई वो पेशे से मजदूर हैं। इसी कारण अंत में दोनों को गोली मारकर मौत के घाट उतारना ही बेहतर समझा। पिता का कहना है कि जिन बेटियों को अपनी गोद में खिलाकर बड़ा किया आज उन्हीं को गोली मारनी पड़ी। पुलिस ने उक्त घटना को दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज दिया और पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। पुलिस दोनों प्रेमियों की तलाश कर रही है। घटना स्थल पर मौजूद सैकड़ाें लोग दोनों हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे थे।

युवाओं के लिए 50 हजार करोड़-नायडू

ंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं तेलुगूदेशम पार्टी (तेदेपा) अध्यक्ष एन. चन्द्रबाबू नायडू ने 2009 में आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनावों में युवाओं को 40 प्रतिशत सीट देने का वायदा करते हुए घोषणा की कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो युवा सशक्तिकरण योजना पर 50 हजार करोड़ रुपए की योजना लागू की जाएगी।
नायडू ने युवा गर्जन के दौरान आयोजित जनसभा में कहा कि इस योजना के तहत राज्य सरकार पाँच साल के दौरान प्रत्येक साल 5 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करेगी और प्रतिवर्ष शेष 5 हजार करोड़ रुपए बैंकों से प्रबंध करेगी। उन्होंने युवाओं को कांग्रेस शासन में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए जाग्रत होने का आह्वान करते हुए कहा कि तेदेपा भ्रष्ट कांग्रेस को बेनकाब करने के लिए इसे जनता की अदालत में ले जाएगी। उन्होंने बेरोजगारों को प्रतिमाह एक हजार रुपए का बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा करते हुए कहा कि युवा कल्याण के लिए मंत्रालय बनाया जाएगा, जो उन्हें विश्व में श्रेष्ठ रोजगार उपलब्ध कराने और उनके हितों के लिए कार्य करेगा। नायडू ने यह भी वायदा किया कि राज्य के गरीब लोगों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ ही अगड़ी जाति के मध्यम वर्ग के लोगों की शिक्षा में सहयोग देगी। नवगठित प्रजा राज्यम पार्टी के आलोचना करते हुए नायडू ने कहा कि तेदेपा की एकजुटता बनी हुई है, केवल नेता ही पार्टी छोड़ रहे हैं और कार्यकर्ता लगातार पार्टी से जुडे़ हुए हैं।

राजनीतिक दलों को देशमुख की नसीहत

अपराध के मामलों की जाँच में पार्टियों को दखल नहीं देना चाहिए। धर्मनिरपेक्ष दल न्यायिक प्रणाली में आस्था रखते हैं और अदालत के मामले में दखल करने में भरोसा नहीं करते, लेकिन सांप्रदायिक दल अपना खुद का एजेंडा रखना चाहते हैं।
यह बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने कही। नवनिर्माण सेना और शिव सेना द्वारा उठाए गए मराठी में साइन बोर्ड के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पहले से ही एक कानून है, जिसके तहत अन्य भाषाओं के साथ मराठी में साइन बोर्ड होना अनिवार्य है। देशमुख ने यह भी कहा कि हालाँकि कानून को ठीक तरह से लागू नहीं किया गया है। रेलवे भर्ती परीक्षा के दौरान मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर भारतीय छात्रों पर किए गए हमलों के बाद भविष्य में राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के सवाल पर देशमुख ने कहा कि ऐसी घटनाएँ फिर से नहीं होंगी। उन्होंने कहा एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाया जाएगा, जो इस मुद्दे पर केंद्र से बातचीत के लिए जाएगा। देशमुख के अनुसार रोजगार के अवसरों को देखने के लिए और स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने के लिए सरकार जिला कलेक्टरों को विशेष अधिकार देने पर विचार कर रही है।

Wednesday, November 5, 2008

सेना का अधिकारी गिरफ़्तार

महाराष्ट्र पुलिस की आंतकवाद निरोधक शाखा (एटीएस) ने मालेगाँव धमाकों के सिलसिले में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ़्तार किया है.:एटीएस ने लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को गिरफ़्तार कर लिया है.शायद यह पहली बार है जब सेना का कोई अधिकारी भारत में आतंकवादी घटना के मामले में गिरफ़्तार किया गया हो.एटीएस के सहायक आयुक्त परमवीर सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुलिस ने श्रीकांत पुरोहित को दो दिन पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था जिसके बाद उन्हें बुधवार को गिरफ़्तार कर लिया गया.हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि मालेगाँव धमाकों में पुरोहित की भूमिका क्या थी.श्रीकांत पुरोहित इन दिनों मध्य प्रदेश के पचमढ़ी स्थित सेना के प्रशिक्षण केंद्र में तैनात हैं. एटीएस ने उन्हें पिछले सप्ताह पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था.


पुलिस ने श्रीकांत पुरोहित को दो दिन पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. उन्हें बुधवार को गिरफ़्तार कर लिया गया
परमवीर सिंह, सहायक आयुक्त एटीएस

मालेगांव में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में एटीएस अबतक नौ लोगों की गिरफ़्तार कर चुकी है. इनमें हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़ी रही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल हैं.मालेगांव के भीखू चौक के पास इसी वर्ष 29 सितंबर को हुए एक बम धमाके में पाँच लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे.इस धमाके के बाद वहाँ स्थानीय लोगों ने पुलिस के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी. इसके बाद हुई पुलिस फ़ायरिंग में कई लोग घायल हो गए थे.इस धमाके के सिलसिले में अबतक हुई गिरफ़्तारियों के बाद आतंकवाद और चरमपंथ पर भारत में एक नई तरह की बहस शुरू हो गई है.

Tuesday, November 4, 2008

कालका का रूप धरने पर विवाद


हिन्दू देवी काली (कालका) के रूप में एक पार्टी में हाल में सुपर मॉडल हेदी क्लम के शामिल होने पर विवाद पैदा हो गया है और नेट का इस्तेमाल करने वाले इस बात का जवाब माँग रहे हैं कि उन्होंने देवी जैसा रूप क्यों धरा। इंटरनेट पर कुछ सवाल हैं कि क्या किसी के लिए किसी अन्य धर्म के देवता जैसा परिधान धारण करने की सलाह दी जा सकती है। हर होलोवीन पर पार्टी देने वाली हेदी पिछले साल बिल्ली जैसे कपड़े पहनी थीं। पार्टी में ली गई तस्वीरें अब इंटरनेट पर व्यापक तौर पर प्रेषित की जा रही हैं। वेबसाइट यूएसमैग्जीन डॉट कॉम में हेदी के हवाले से कहा गया है कि यह दरअसल उनके सहायक का सुझाव था। मेरे पति (सील) और मैं पिछले साल भारत में थे। अतः उसने कहा कि तुम क्यों नहीं किसी भारतीय देवी की तरह बनती हो। वैसी, जैसी डरावनी भारतीय देवी। और मैंने कहा ठीक है।

पंडित भीमसेन जोशी को भारत रत्न

किराना घराने के शास्त्रीय गायक 86 वर्षीय पंडित भीमसेन जोशी को मंगलवार को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का फैसला किया गया। जोशी ने भारत रत्न दिए जाने के फैसले पर खुशी जताते हुए इसका स्वागत किया है।19 फरवरी 1922 को कर्नाटक के गड़ग में जन्मे जोशी को हिंदुस्तानी खयाल गायकी और भजनों के लिए जाना जाता रहा है। दूरदर्शन पर 1988 में ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ के जरिये उनकी आवाज की खनक पूरे देश के घर-घर में पहुंच गई थी।पं. जोशी ने खयाल गायकी का पाठ सवाई गंधर्व से सीखा जो खयाल गायकी के जनक अब्दुल करीम खान के शिष्य थे। 11 बरस की उम्र से संगीत साधना में जुटे भीमसेन ने ग्वालियर, लखनऊ, रामपुर में रहकर गायकी को जिंदगी बना डाला।

अब तक मिले अवार्ड :-संगीत नाटक अकादमी अवार्ड-1976,पद्मश्री-1972,पद्मभूषण-1985,पद्मविभूषण-1999

Monday, November 3, 2008

कुलदीप की मौत दुर्घटना-पुलिस

हरियाणा में हिसार के पुलिस अधीक्षक अनिल राव ने हाँसी सदर थाना पुलिस की गोली से रविवार रात हुई भिवानी के छात्र कुलदीप की मृत्यु को 'दुर्घटना' करार देते हुए कहा कि इसकी न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए गए हैं।
राव ने आज बताया कि पुलिस ने भिवानी में एक कुख्यात अपराधी की तलाश में नाका लगाया हुआ था। तभी मोटरसाइकिल पर आए चार युवकों को पुलिस ने रुकने का इशारा किया। ये युवक शराब पिए हुए थे, लेकिन पुलिस द्वारा रुकने के लिए कहने पर वे ऊबड़-खाबड़ रास्ते से भागने लगे।
इस पर पुलिस ने उनका पीछा किया और जब वह मोटरसाइकिल के बराबर पहुँची तो ऊबड़-खाबड़ रास्ता होने की वजह से जीप को जोर का झटका लगा तथा जीप में बैठे पुलिसकर्मी कर्मबीरसिंह की कार्बाइन से गोली चल गई, जो एक युवक को लगी तथा उसकी तत्काल मृत्यु हो गई। युवक की शिनाख्त कुलदीपसिंह के रूप में की गई है।
राव ने कहा कि मारा गया युवक अपराधी नहीं था, यह केवल दुर्घटनावश हुआ। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पुलिस को इस पर बेहद अफसोस और दुख है। अनिल राव ने बताया कि घटना की न्यायिक जाँच की जैसे ही रिपोर्ट आएगी उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस को कुख्यात अपराधी दारासिंह की तलाश है, जिसके खिलाफ भिवानी जिले में ही 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह गाँव सोखी के बैंक से दो लाख 16 हजार रुपए लूटने की वारदात में भी संलिप्त था।

.....क्योंकि सास बहू को नहीं मिली राहत

बहुचर्चित टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' का प्रसारण जारी रखने को लेकर अदालत में गए बालाजी टेलीफ़िल्म्स को कोई राहत नहीं मिली है.:मुंबई हाई कोर्ट ने इस सीरियल का प्रसारण रोकने के स्टार प्लस के फ़ैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया है.बालाजी टेलीफ़िल्म्स ने स्टार प्लस के नोटिस पर रोक लगाने की अदालत से अपील की थी. स्टार प्लस 10 नवंबर से इस चर्चित सीरियल का प्रसारण बंद कर रहा है.स्टार प्लस ने बालाजी फ़िल्म्स की मालिक एकता कपूर को नोटिस भेजा था और कहा था कि क्योंकि सास.....की टीआरपी में लगातार गिरावट आई है.
अनुबंध:-स्टार प्लस ने बालाजी के साथ हुए अनुबंध का हवाला दिया जिसके मुताबिक़ अगर सीरियल की टीआरपी ज़्यादा गिरती है कि इस आधार पर उसका प्रसारण बंद किया जा सकता है.लेकिन बालाजी टेलीफ़िल्म्स की दूसरी दलील थी. उसका कहना था कि स्टार प्लस ने इस सीरियल की लोकप्रियता बनाए रखने के लिए पर्याप्त विज्ञापन नहीं दिए.स्टार प्लस पर 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' का प्रसारण पिछले आठ साल से किया जा रहा है. स्टार प्लस को लोकप्रिय बनाने में इस सीरियल की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है.कुछ दिनों के अंदर बालाजी को दूसरा झटका लगा है. हाल ही में उसका एक और लोकप्रिय सीरियल 'कहानी घर घर की' भी बंद हो गया है.

Sunday, November 2, 2008

दिल्ली में हर साल 10000 तलाक

दिल्ली में तलाक के मामलों में खासा इजाफा हो रहा है। इस मामले में इस महानगर ने अन्य महानगरों को पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली महिला आयोग के आँकड़ों के अनुसार इस महानगर में हर साल करीब एक लाख ३० हजार शादियाँ होती हैं और दस हजार तलाक होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले पाँच सालों में तलाक लेने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है। इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि दिल्ली की विभिन्न पारिवारिक अदालतों में हर वर्ष दस हजार से अधिक तलाक की अर्जियाँ डाली जाती हैं। समाज में इस तरह के बदलाव से समाजशास्त्री भी अचंभित हैं। जीवन की आपाधापी में तिल का ताड़ बन जाने वाले घरेलू मुद्दों के कारण लोग दाम्पत्य जीवन में परस्पर तालमेल बिठाने की बजाय झट से अलगाव या विवाह विच्छेद का रास्ता अपनाने लगे हैं। तलाक अब अंतिम विकल्प न रहकर पहला विकल्प बन गया है।

आज पति-पत्नी छोटे-मोटे कारणों के कारण तलाक का मन बना लेते हैं। उनका कहना है कि तलाक में बढ़ोतरी की एक वजह यह भी है कि लोग संस्कार भूल रहे हैं

भारत में ऐसी मान्यता थी कि पति-पत्नी ऐसा मानकर चलते थे कि उनका बंधन सिर्फ एक जन्म के लिए नहीं बल्कि सात जन्मों के लिए है। लेकिन तलाक के मामलों की संख्या देखकर कई बार ऐसा लगता है कि कहीं वैवाहिक संस्था गुजरे जमाने की नजीर बनकर ही न रह जाए। स्थिति इतनी चिंताजनक हो गई है कि अब तो एक जन्म क्या अगर एक साल भी पति-पत्नी दाम्पत्य जीवन सफलतापूर्वक गुजार लें तो इसे एक उपलब्धि के रूप में देखा जाता है। कानून के जानकारों का मानना है कि जहाँ शादी के पहले साल में तलाक की अर्जियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है वहीं पिछले दिनों एक 70 वर्षीय बुजुर्ग ने पत्नी से छुटकारा पाने के लिए दिल्ली की एक अदालत में तलाक की अर्जी डालकर सबको हैरत में डाल दिया। अधिवक्ता नवीन कुमार माटा का मानना है कि वैवाहिक रिश्ते में एकरसता व नीरसता भी अब तलाक की वजह बन रही है। युवा कामकाजी दंपत्ति अपने करियर पर अधिक ध्यान देना चाहते हैं और निजी पसंद-नापसंद का उनका आग्रह अब किसी बेड़ियों में बँधने को तैयार नहीं है। कुछ ऐसे ही कारणों की वजह से राजधानी की पारिवारिक अदालतों में आजकल आपसी सहमति के आधार पर तलाक लेने वाले युवा दंपत्तियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पति-पत्नी अब एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाते, बल्कि अपनी स्वतंत्रता की दुहाई देते हैं। दिल्ली में तलाक के मामलों हुई वृद्घि का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभिन्न पारिवारिक अदालतों में रोजाना औसतन तलाक की 50 अर्जी दाखिल होती हैं। अधिवक्ता अजय दिग्पाल के मुताबिक, कामकाजी पति-पत्नियों में तलाक की प्रवृति अधिक है। इसका कारण है दोनों के पास एक दूसरे लिए वक्त का न होना है।
शादी के शुरुआती कुछ सालों में तलाक लेने की प्रवृत्ति सबसे अधिक है। उनके मुताबिक, 25 से 35 आयुवर्ग के दंपत्ति के लिए शादी का नजरिया निर्धारित होता है और वे उसे बदलने के लिए तैयार नहीं रहते हैं। नौकरी करने वाले पति-पत्नी अपना समय और ऊर्जा अपने संबंधों को बनाए रखने के लिए नहीं करते हैं। मनोचिकित्सक व काउंसलर प्रीति श्रीवास्तव मानती हैं कि आज पति-पत्नी छोटे-मोटे कारणों के कारण तलाक का मन बना लेते हैं। उनका कहना है कि तलाक में बढ़ोतरी की एक वजह यह भी है कि लोग संस्कार भूल रहे हैं। आँकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में सालाना नौ हजार तलाक की अर्जियाँ डाली जाती हैं, वहीं मुंबई में चार हजार, बेंगलुरु में 5000 अर्जियाँ। यहाँ तक कि देश के सबसे शिक्षित प्रदेश केरल में भी पिछले दस सालों में तलाक के मामलों में 350 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पंजाब व हरियाणा में पिछले एक दशक में 150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं अगर पारिवारिक अदालतों के न्यायाधीशों की बात करें 1960 में न्यायाधीशों के पास एक से दो मामले आते थे। 1980 में यह बढ़कर 100 से 200 तक हो गए, 1990 में यह आँकड़ा एक हजार तक पहुँच गया। अब यह बढ़कर नौ हजार तक पहुँच गया है।

Saturday, November 1, 2008

खुशी की गारंटी होते हैं पुराने दोस्त

आपकी खुशी का राज इस बात में छिपा है कि आपके पुराने दोस्तों की संख्या कितनी है।ब्रिटेन में शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि बहुत खुश लोगों के कई सारे पुराने दोस्त होते हैं। अध्ययन के अनुसार जिन लोगों के कम से कम 10 ऐसे अच्छे दोस्त हैं, वे उन लोगों की तुलना में अधिक खुश होते हैं, जिनके पाँच से भी कम दोस्त हैं।प्रमुख शोधकर्ता डॉ. रिचर्ड टनी ने कहा कि खुशी का नाता पुराने दोस्तों की अधिक संख्या और करीबी दोस्ती से है। जो लोग अपने जीवन से बहुत अधिक संतुष्ट होते हैं, ऐसे लोगों के दोस्तों की संख्या उनके दोस्तों से अधिक होती है जो अपने जीवन से बहुत असंतुष्ट हैं।शीर्ष ब्रिटिश अखबार 'द सन' ने बताया कि नाटिंघम विश्वविद्यालय के डॉ. टनी और उनके साथियों ने एक सर्वेक्षण के आधार पर ये नतीजे हासिल किए। इसमें दोस्तों के साथ रिश्तों को लेकर 1760 लोगों से बातचीत की गई थी।

क्यों जरूरी है चंद्र अभियान?

देश का महत्वाकांक्षी चंद्र अभियान आगामी बुधवार को चंद्रयान के लॉन्च के साथ ही अहम स्थान पा लेगा। इसके बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले चुनिंदा देशों में भारत भी शामिल हो जाएगा। सवाल यह है कि क्या इस मिशन से हमें वाकई बड़े फायदे होंगे या यह महज होड़ में बने रहने की कवायद है? दूसरा गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा से जूझ रहे देश के लिए यह जरूरी ही क्यों है?
चंद्रमा पर यान क्यों भेजा जाना चाहिए या क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए, इस बारे में कुछ चर्चा हुई भी हो, तो वह कुछेक हलकों से बाहर नहीं आ सकी। पर वै‍श्व‍िक मंदी के इस माहौल में चंद्रयान पर खर्च होने वाले अरबों रुपयों पर भी सवाल उठना स्वाभाविक है। अगर इसकी संभावित लॉन्चिंग तीन या चार महीने बाद होती तो शायद बजट का इंतजाम न हो पाने की वजह से इसे टालने का कोई बहाना खो‍ज लिया गया होता, लेकिन देश की महत्वाकांक्षाओं और सम्मान की खातिर इस पर ज्यादा नुक्ताचीनी नहीं की गई।
चीन की तुलना में भारत की महारत लंबी कक्षाओं में अपने यान भेजने में है। चाँद पर यान भेजना चीन की तुलना में भारत के लिए आसान समझा जा रहा है, लेकिन जहाँ तक सवाल आदमी को चाँद पर भेजने का है तो इस मामले में भारत काफी पीछे है, क्योंकि भारतीय यानों में आवाज और कंपन से निपटने का अभी तक कोई इंतजाम नहीं किया जा सका है, जो अंतरिक्ष यात्राओं में किसी भी जीव को मार डालने के लिए काफी होते हैं। भारत का यान चंद्रमा पर जा रहा है, लेकिन क्यों? मकसद अगर सूचनाएँ लाने का है तो इसरो द्वारा अभी जुटाई जा रही सूचनाओं का इतना बुरा हाल क्यों है? हालत यह है कि भारतीय उपग्रहों द्वारा दिन-रात भेजी जा रही सूचनाओं के विश्लेषण का कोई ढाँचा ही अभी तक खड़ा नहीं किया जा सका है। देश का खनिज-नक्शा तैयार करने का काम इतनी बुरी हालत में है कि जिस गोदावरी बेसिन को ओएनजीसी अभी हाल तक हाथ लगाने के लिए तैयार नहीं था, वहीं से रिलायंस ने कुबेर का खजाना खोज निकाला। हम अगर चंद्रमा पर खोज और सूचना के मकसद से जाना चाहते हैं तो इतने विकलांग सूचना ढाँचे के साथ इसका कोई मेल नहीं बनेगा, पर इसके बावजूद हमें देश की खनिज सम्पदा की जानकारी के लिए ऐसे अभियान अहम हो सकते हैं।
यूरोप में फ्यूजन न्यूक्लियर एनर्जी के साझा प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के साथ ही रूसी वैज्ञानिकों ने कहा कि फ्यूजन रिऐक्टरों के लिए सबसे सुविधाजनक और फायदेमंद ईंधन हीलियम-3 हो सकता है, जिसकी मौजूदगी धरती की सतह पर न के बराबर है। पर लगातार सौर वायु (सोलर विंड्स) के संपर्क में रहने की वजह से चंद्रमा की सतह पर इसकी भरपूर मात्रा होना चाहिए।
गौरतलब है कि फ्यूजन प्रोजेक्ट में भारत की भी मजबूत भागीदारी है। यह परियोजना अगर कामयाब होती है तो 2020 के बाद दुनिया का ऊर्जा परिदृश्य बदल चुका होगा। चीनियों ने चंद्रमा से हीलियम-3 के उत्खनन को ही अपने चंद्र अभियान का मुख्य मकसद घोषित कर रखा है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी अपने चंद्र-विजन में हीलियम-3 को सबसे ऊँची जगह दी है। चंद्रमा पर चूँकि क्रेटरों की भरमार है और प्लेटिनम और निकिल जैसी महँगी धातु उल्कापिंडों के जरिए आती हैं और क्रेटरों में ही पाई जाती हैं, लिहाजा भविष्य में यात्रा सस्ती होने पर वहाँ से इन्हें भी धरती पर लाने की गुंजाइश बनाई जा सकती है।
अंतरिक्षीय सूचनाएँ चंद्रमा से निकल सकने वाली सबसे उपयोगी वस्तु हो सकती हैं, लेकिन यह ऐसा क्षेत्र है, जिसके विकसित होने में दशक नहीं सदियाँ लगेंगी, लेकिन चंद्रमा की सतह से हीलियम-3 निकालकर उसे धरती तक लाने और फिर उसके फ्यूजन से बिजली बनाने की बात फिलहाल भले ही दूर की कौड़ी लगे, लेकिन 1976 में आर्यभट्ट के लॉन्च के समय भारत में आर्टिफिशल सैटेलाइट्स का इस्तेमाल टेलीकॉम और टेलीविजन के लिए करने की बात भी दूर की कौड़ी ही लगती थी।
वर्ष 1985 में घर-घर कम्प्यूटर पहुँचाने की बात करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का भाषण उत्तर भारतीय राजनीतिक हलकों में अगले कई बरसों तक उपहास का विषय बना रहा, लेकिन दक्षिण भारत में खासकर कर्नाटक में इसे गंभीरता से लिया गया। नतीजा सामने है। भविष्य की छलाँगें हमेशा अंधेरे में ही लगाई जाती हैं, लेकिन आधुनिक समाजों में इन्हें आम जन-विमर्श में लाने की कोशिश जरूर की जाना चाहिए।
पर इस स्थान पर यह सवाल भी हो सकता है कि चंद्रमा ही क्यों, मंगल क्यों नहीं? इन सवालों का उत्तर है कि मंगल या दूसरी जगह जाने के लिए यह पहला कदम है। सुदूर अंतरिक्ष में जाने के लिए चंद्रमा को बेस स्टेशन बनाया जा सकता है। चूँकि अब वहाँ हीलियम-3 होने के आसार जगे हैं, जो कि भविष्य का ईंधन हो सकता है। चंद्रमा में अमेरिका, रूस, जापान की भी दिलचस्पी जागी है, वे भी 2020 तक मानवयुक्त यान भेज सकते हैं। भारत के इस अभियान में अमेरिका आदि देशों ने अपने उपकरण भेजे हैं। इससे भी समझा जा सकता है कि यह भविष्य की खोज अभियानों में एक अहम पड़ाव साबित हो सकता है और इन अभियानों में भारत की बड़ी भूमिका भी हो सकती है।
भारतीय मेधा की उड़ान
अभियान खर्चीला नहीं
चंद्रयान तथ्यों के आईने में
चंद्रयान की सफलता पर दुनिया की निगाहें
चंद्रयान की उल्टी गिनती का इंतजार
चंद्रयान-1 पर पैनी नजर
चंद्र अभियान का सामरिक और आर्थिक महत्व
चंद्रयान प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सोम से