निजी क्षेत्र की तेल शोधन कंपनी एस्सार ऑइल अपने बंद पड़े 1250 पेट्रोल पंपों में से 70 प्रतिशत को इस वर्ष के अंत तक फिर चालू करेगी।
कंपनी के प्रवक्ता ने यहाँ शुक्रवार को ईंधन पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान बताया उत्तर भारत के अधिकांश पेट्रोल पंपों को अगले माह से फिर चालू किया जाएगा। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी इन्हें चलाया जाएगा। कंपनी दक्षिण और पश्चिमी भारत में अगस्त माह में ही करीब साढ़े तीन सौ पेट्रोल पंपों को फिर से चालू कर चुकी है।
हाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड कीमतों को देखते हुए निजी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के सामने विकट समस्या आ गई थी, जिसे देखते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑइल ने अपने पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया था और कई अन्य कंपनियाँ जो इस कारोबार में उतरना चाहती थी, उनकी योजना अधर में रह गई थी। एस्सार की गुजरात के वाडीनार में दो लाख 10 हजार बैरल प्रति दिन की शोधन इकाई कंपनी ने पिछले साल अप्रैल में ही भारी नुकसान को देखते हुए सभी पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया था। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की तुलना में कच्चे तेल की ऊँची कीमतों के कारण निजी क्षेत्र के उत्पाद महँगे थे और इस कारण निजी कंपनियों को खासी दिक्कतें आ रही थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें जो जुलाई में 147.23 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई थी। फिलहाल इसकी तुलना में आधे पर आ गई हैं। प्रवक्ता ने बताया अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों को देखते हुए घरेलू दामों में पहले का बड़ा अंतर अब काफी कम हो गया है, इसलिए कंपनी ने धीरे-धीरे अपने खुदरा कारोबार को फिर से प्रारंभ कर दिया है।
कंपनी के प्रवक्ता ने यहाँ शुक्रवार को ईंधन पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान बताया उत्तर भारत के अधिकांश पेट्रोल पंपों को अगले माह से फिर चालू किया जाएगा। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी इन्हें चलाया जाएगा। कंपनी दक्षिण और पश्चिमी भारत में अगस्त माह में ही करीब साढ़े तीन सौ पेट्रोल पंपों को फिर से चालू कर चुकी है।
हाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड कीमतों को देखते हुए निजी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के सामने विकट समस्या आ गई थी, जिसे देखते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑइल ने अपने पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया था और कई अन्य कंपनियाँ जो इस कारोबार में उतरना चाहती थी, उनकी योजना अधर में रह गई थी। एस्सार की गुजरात के वाडीनार में दो लाख 10 हजार बैरल प्रति दिन की शोधन इकाई कंपनी ने पिछले साल अप्रैल में ही भारी नुकसान को देखते हुए सभी पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया था। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की तुलना में कच्चे तेल की ऊँची कीमतों के कारण निजी क्षेत्र के उत्पाद महँगे थे और इस कारण निजी कंपनियों को खासी दिक्कतें आ रही थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें जो जुलाई में 147.23 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई थी। फिलहाल इसकी तुलना में आधे पर आ गई हैं। प्रवक्ता ने बताया अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों को देखते हुए घरेलू दामों में पहले का बड़ा अंतर अब काफी कम हो गया है, इसलिए कंपनी ने धीरे-धीरे अपने खुदरा कारोबार को फिर से प्रारंभ कर दिया है।
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