Sunday, August 24, 2008

फिदायीन हमला, 20 मारे गए

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में फिदायीन हमलों का सिलसिला थम नहीं रहा है। पाकिस्तान के सरहदी इलाके स्वात घाटी में एक फिदायीन हमले में करीब 20 लोग मारे गए हैं। ख़बरों के मुताबिक एक फिदायीन हमलावर विस्फोटकों से लदी गाड़ी लेकर स्वात ज़िले के एक थाने में घुस गया, जिससे धमाका हुआ। स्वात ज़िले के मिंगोरा कस्बे से करीब दस किलोमीटर दूर चारबाग में शनिवार सुबह हुए इस आत्मघाती हमले से लोग दहशत में हैं। चारबाग थाने में पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात थे। पाकिस्तान टीवी चैनल पीटीवी के मुताबिक इस धमाके में करीब 20 लोग मारे गए हैं। इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है और घायलों के नजदीक के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। तहरीक-ए-तालीबान पाकिस्तान के स्वात ज़िले के प्रवक्ता मुस्लिम खान ने धमाके की जिम्मेदारी ली है। शनिवार को हुआ आत्मघाती हमला मंगलवार से पाकिस्तान में तीसरा फिदायीन हमला है।
पश्चिमी देशों र रूस के बीच तनाव बढ़ा
फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी ने एक बार फिर रूस से अपील की है कि वह पश्चिमी जॉर्जिया से तुरंत अपने सैनिक हटा ले. सार्कोज़ी ने जॉर्जिया और रूस के बीच शस्त्रविराम समझौता करवाया था.

निकोला सार्कोज़ी ने रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव के साथ टेलिफोन पर बात की और शुक्रवार को रूसी सैनिकों की जॉर्जिया के गोरी शहर से वापसी का स्वागत किया लेकिन साथ ही सार्कोज़ी ने अपील की कि पश्चिमी शहरों, पोती और सेनाकी से भी रूसी हटा ली जाए. इससे पहले रूसी सेना ने कहा था कि वह जॉर्जियाई शहर पोती को अपने नियंत्रण में रखेगी जो एक महत्वपूर्ण बंदरगाह भी है.दिमित्री मेद्वेदेव के दफ्तर की ओर से बताया गया कि फ्रांस द्वारा प्रस्तावित छह सूत्रीय शस्त्रविराम समझौते की पांचवी शर्त पर दोनों नेताओं के बीच विस्तार से बात हुई जिसमें रूसी सैनिकों को युद्ध के पूर्व वाली जगहों पर लौट जाने की शर्त शामिल है. रूस का कहना है कि समझौते के अनुसार रूसी शांति सैनिक अस्पष्ट "अतिरिक्त सुरक्षा उपायों" के तहत कुछ जगहों पर तैनात रह सकते हैं.

समझौते की बारीकियां अस्पष्ट

विशेषज्ञों का कहना है कि फ्रांस द्वारा प्रस्तावित समझौता बहुत अस्पष्ट है क्योंकि रूस कह रहा है कि पोती में उसके सैनिकों की उपस्थिति से समझौते का उल्लंघन नहीं होता. लेकिन अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का कहना है कि रूस की 2600 सैनिकों को दक्षिण ओसेतिया और जॉर्जिया के बीच के क्षेत्र में तैनात रखने की योजना समझौते के अनुकूल नहीं है.शनिवार को जॉर्जिया में सैकड़ों लोगों ने पोती शहर के बाहर रूसी तैनाती के विरोध में प्रदर्शन किया. युद्ध की शरुआत में गोरी शहर को छोड़ कर भागे लोग इस बीच वापस लौट रहे हैं. दो हफ्तों से जारी विवाद के बाद पहली बार गोरी से राजधानी त्बिलिसी जाने वाली सड़क खोली गई.

जॉर्जिया के लिए अमेरिकी मदद

इस बीच अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी, मैथ्यू बीर्ज़ा ने कहा है कि रूस की कार्रवाई के कारण जॉर्जिया की नाटो में सदस्यता की प्रक्रिया तेज़ हो गई है और इसके लिए रूस खुद ज़िम्मेदार है. अमेरिका की तरफ से जॉर्जियाई लोगों के लिए राहत सामग्री से भरा एक जहाज़ भेजा गया है. अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि इसमें पीने का पानी, कंबल, दवाएं, और खाने की ज़ररी चीज़ें है.


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