Sunday, August 24, 2008

प्रचंड को पलकों पर बिठाया चीन ने

पेइचिंग: चीन के शीर्ष नेतृत्व ने नेपाल के नए प्रधानमंत्री प्रचंड का जबर्दस्त स्वागत करते हुए नेपाल के विकास में हर संभव मदद देने की पेशकश की है। परंपरा से हटते हुए अपनी पहली विदेश यात्रा के तौर पर पेइचिंग पहुंचे नेपाली प्रधानमंत्री ने भी चीन को एक 'विश्वसनीय' दोस्त करार दिया। प्रचंड की चीन यात्रा इस लिहाज से अहमियत रखती है कि अब तक नेपाली नेता पद ग्रहण करने के बाद सबसे पहले भारत की यात्रा करते आए थे।
चीन के राष्ट्रपति हू चिन्थाओ और प्रधानमंत्री वन च्या पाव ने प्रचंड से अलग-अलग मुलाकातें कीं। बातचीत में उन्होंने दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का वादा किया। हू ने कहा कि उनका देश अगले कुछ सालों में नेपाल के निजी क्षेत्र में भारी निवेश करेगा। उन्होंने पेइचिंग खेलों के समर्थन के लिए नेपाली सरकार को धन्यवाद दिया।
चीनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री चुने जाने पर प्रचंड को बधाई देते हुए कहा कि शपथ दिलाए जाने के एक हफ्ते के भीतर पेइचिंग ओलिंपिक के समापन समारोह में हिस्सा लेने आए हैं। यह दिखाता है कि नेपाल चीन के साथ अपने संबंधों और चीनी जनता के साथ दोस्ती को कितना महत्व देता है।
प्रचंड ने हू को धन्यवाद देते हुए सफल पेइचिंग खेलों के लिए चीन की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नेपाल अपने पड़ोसी की सफलता पर गर्व महसूस करता है। नेपाल चीन द्वारा उसकी संप्रभुता बनाए रखने के प्रयासों और एक चीन की नीति का सम्मान करता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि नेपाल में चीन विरोधी गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रचंड की यात्रा पर नेपाल में विवाद
काठमांडू :माओवादी नेता प्रचंड की प्रधानमंत्री के रूप में पहली विदेश यात्रा पर चीन जाने से नेपाल में विवाद खड़ा हो गया है। विरोधी दल नेपाली कांग्रेस ने भारत के 'पहले आए आमंत्रण' को अनदेखा करने पर सवाल उठाया है। पार्टी के महासचिव बिमलेंद निधि ने कहा ऐसे में जब देश में हजारों लोग बाढ़ से बेघर हो गए हैं, प्रधानमंत्री को चीन जाकर ओलिंपिक का समापन समारोह देखने की जगह बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए थी।

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