Wednesday, August 27, 2008

चरमपंथियों ने चार को मारा, परिवार बंधक

भारतीय प्रशासित राज्य जम्मू-कश्मीर के जम्मू इलाक़ें में पुलिस का कहना है कि कुछ चरमपंथी घुस आए हैं और उन्होंने दो जगह फ़ायरिंग की है.इस फ़ायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई है जिसमें सेना का एक जवान और तीन नागरिक शामिल हैं.इस फ़ायरिंग में कई अन्य गंभीर रुप से घायल हुए हैं.जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक के राजेंद्र ने बीबीसी को बताया कि चरमपंथियों ने जम्मू के बाहरी इलाक़े चिन्नौर में एक घर में घुसकर एक परिवार को बंधक बना लिया है.पुलिस का कहना है कि इस घर के अंदर कुछ आठ लोग हैं जिनमें से दो चरमपंथी हैं.परिवार के छह सदस्यों में से चार बच्चे हैं. इन बच्चों में सबसे छोटी बच्ची की उम्र दो साल है. उनके अलावा एक पुरुष और महिला सदस्य घर पर हैं.पुलिस पहले मान रही थी कि परिवार के ये सदस्य घर में फँसे हुए हैं लेकिन अब उसका कहना है कि चरमपंथियों ने उन्हें बंधक बना रखा है.पुलिस ने कहा है कि सेना ने इस घर को घेर लिया है और चरमपंथियों के साथ मुठभेड़ चल रही है. हालांकि वहाँ इस समय गोलीबारी रुकी हुई है.अधिकारियों का कहना है कि एक चरमपंथी जो इस मकान की छत पर गया था वह सुरक्षाबलों की गोली से मारा गया है.सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) ने मंगलवार को कहा था कि कम से कम तीन चरमपंथी सीमापार से जम्मू के इलाक़े में घुसने में सफल हुए हैं.अधिकारी चरमपंथियों की गोलीबारी को लेकर इसलिए भी चिंतित थे कि अमरनाथ संघर्ष समिति ने बुधवार को एक बड़ी रैली का आयोजन किया था लेकिन इस मुठभेड़ के चलते उन्होंने अपनी रैली को रद्द कर दिया है.

गोलीबारी

पुलिस का कहना है कि चरमपंथी एक ऑटो में सवार होकर जम्मू शहर में निकले और उन्होंने सबसे पहले मिश्रीवाला नाके पर फ़ायरिंग की.इसमें सेना के दो जवान बुरी तरह घायल हुए. इसमें से एक जवान की बाद में मौत हो गई.इसके बाद इन चरमपंथियों ने बंदतालाब के इलाक़े में फ़ायरिंग की जिसमें दो नागरिक की मौत हो गई. बताया गया है कि उनकी गोली से ऑटो का ड्राइवर भी मारा गया है.पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जम्मू शहर के बाहरी इलाक़े चिन्नौर में सेना ने चरमपंथियों को घेर लिया है और वहाँ दोनों के बीच गोलीबारी चल रही है.अधिकारियों का कहना है कि चरमपंथी ख़ाकी वर्दी में हैं.

संघर्ष समिति की रैली रद्द


जम्मू में आंदोलन
जम्मू में पिछले दो महीनों से जनजीवन ठप्प सा पड़ा हुआ है

इस बीच अधिकारी इस बात से भी चिंता थी कि बुधवार को अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति ने एक बडी रैली का भी आयोजन किया था.लेकिन इस घटना के बाद संघर्ष समिति ने इस रैली को रद्द करने की घोषणा की है.समिति ने कहा है कि सुरक्षा बल इस मुठभेड़ में व्यस्त है और इसके बाद सुरक्षा एक बड़ी चिंता है और समिति सुरक्षा को लेकर एक और समस्या खड़ा नहीं करना चाहती इसलिए रैली रद्द की जा रही है.इस बीच सरकार के साथ चल रही बातचीत में संघर्ष समिति की शर्तों से रुकावट आ गई है.संघर्ष समिति ने जम्मू के आईजी और दो ज़िलों के एसएसपी को हटाने की शर्त रख दी है और सरकार ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है.इस बीच पूंछ में कर्फ़्यू जारी है और किश्तवाड़ में सिर्फ़ रात का कर्फ़्यू चल रहा है.जम्मू में अमरनाथ मंदिर बोर्ड को ज़मीन देने के मामले में पिछले दो महीने से भी अधिक समय से संघर्ष चल रहा है. इस संघर्ष में कई लोगों की जानें गई हैं.अमरनाथ संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार को मंदिर बोर्ड को ज़मीन दे देना चाहिए लेकिन घाटी के लोग इसका विरोध कर रहे हैं और अलगाववादी संगठनों के नेतृत्व में वहाँ भी हिंसक आंदोलन हुए हैं.सरकार ने पहले तो अमरनाथ मंदिर बोर्ड को ज़मीन दे दी थी लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया.

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