Monday, August 25, 2008

अब बजेगी रिंगटोन - 'कंडोम...कंडोम....'

कंडोम
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ट्रस्ट ने रिंगटोन तैयार की है जो कंडोम के बारे में झिझक ख़त्म करे
यदि किसी शादी की पार्टी में आपका फ़ोन बजे और उसकी रिंगटोन हो - कंडोम...कंडोम...तो क्या आप शर्मा जाएँगे, लज्जित होंगे और घबरा जाएँगे? और आपके आसापास खड़े लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी?

यदि आप ये सोच रहे हैं कि लोग ऐसे रिंगटोन को अच्छा नहीं मानेंगे तो आप ग़लत हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि ज़्यादातर लोगों को इससे कोई आपत्ति नहीं बल्कि वे ऐसे रिंगटोन को स्मार्ट, जागरूक और ज़िम्मेदार बर्ताव की निशानी मानते हैं.बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ट्रस्ट ने ऐसी रिंगटोन तैयार की है जो एड्स के बारे में जागरूकता पैदा करने और कंडोम का इस्तेमाल बढ़ाने के लक्ष्य से तैयार किए गए उसके अभियान का हिस्सा है.

अगस्त में शुरु हुए इस रिंगटोन को दो ही दिन में लगभग बीस हज़ार लोगों ने डाउनलोड किया.इस विज्ञापन को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन की आर्थिक मदद से बनाया गया है और इसे भारत का राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नैको) देश में कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल करेगा.

'जो समझा वही सिकंदर'

इस विज्ञापन अभियान की मुख्य पंक्ति है - 'जो समझा वही सिकंदर.'


लोगों के लिए रिंगटोन व्यक्तिगत पसंद व्यक्त करने का माध्यम बनता जा रहा है. हमें लगा कि कंडोम इस्तेमाल करने वाले लोगों को समझदार दिखाने का ये सबसे बेहतर माध्यम है. इस रिंगटोन को इस्तेमाल करने से लोगों की कंडोम के बारे में झिझक भी ख़त्म होगी
राधारानी मित्रा, क्रिएटिव डायरेक्टर

बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ट्रस्ट की क्रिएटिव डायरेक्टर राधारानी मित्रा का कहना है - "लोगों के लिए रिंगटोन व्यक्तिगत पसंद व्यक्त करने का माध्यम बनता जा रहा है. हमें लगा कि कंडोम इस्तेमाल करने वाले लोगों को समझदार दिखाने का ये सबसे बेहतर माध्यम है. इस रिंगटोन को इस्तेमाल करने से लोगों की कंडोम के बारे में झिझक भी ख़त्म होगी."इस अभियान के तहत रिंगटोन को वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है, ऑनलाइन खेल खेले जा सकते हैं और विज्ञापन टीवी और रेडियो के ज़रिए देखा जा सकता है. रिंगटोन को भारत में 'सीओएनडओएम' लिखकर 56887 नंबर पर एसएमएस करके भी डाउनलोड किया जा सकता है.ग़ौरतलब है कि रिंगटोन विज्ञापन इस अभियान का तीसरा चरण है जिसके तहत इसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के लोगों तक पहुँचाया जा रहा है जहाँ एचआईवी संक्रमण की दर बहुत अधिक है.

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