Wednesday, August 27, 2008

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया रिहा

ढाकाः बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को इलाज कराने के लिए 4 महीने के लिए रिहा कर दिया। 63 वर्षीया खालिदा को पिछले साल सितंबर में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। खालिदा के पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तारिक रहमान को भी इलाज के लिए चार महीने की जमानत दी गई है। न्यायिक अधिकारियों ने कहा- मेडिकल बोर्ड की सिफारिशों के बाद दोनों को मानवीय आधार पर रिहा किया गया है। यह रिहाई ऐसे मौके पर की गई है जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने खालिदा एवं उनके पुत्र की बिना शर्त रिहाई और उन पर लगाए गए सभी आरोपों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिए थे। बांग्लादेश में जेल के उप प्रमुख शम्सुल हैदर सिद्दीकि ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी आयोग ने दोनों के खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए थे। इन आरोपों में जबरन वसूली से लेकर अपने राजनीतिक विरोधियों की हत्या तक शामिल है।
भिवंडी में दो बहनों से रेप
भिवंडी : बंजारपट्टीनाका के पास म्हाडा कॉलोनी में रहने वाली दो सगी बहनों के साथ घर में घुसकर जबरन दुष्कर्म करने वाले दो कुकर्मियों को निजामपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना को लेकर पूरे शहर में सनसनी फैली हुई है। निजामपुर पुलिस स्टेशन अंतर्गत म्हाडा कालोनी में 18 वर्ष 25 वर्ष उम्र की दो सगी बहनें अपनी मां के साथ रहती हैं। दोनों बहनें घर का दरवाजा बंद करके घर में कुछ काम कर रही थी। उस समय उनकी मां घर पर नहीं थी। उसी समय फातिमा नगर स्थित मुबारक होटल के पास रहने वाला आतिश अहमद अंसारी (21) एवं निजामपुर स्थित चांदतारा मस्जिद के पास रहने वाला सद्दाम अब्दुल वाहिद दलवी (18) आए और दरवाजा खटाखटाकर जबरन घर में घुस गए। दोनों ने बहनों को अकेला देख उनके साथ जबरन दुष्कर्म किया और फरार हो गए। निजामपुर पुलिस ने बलात्कार करने का मामला दर्ज करके दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
किसानों ने फिर बंद कराया ऑथॉरिटी का काम
ग्रेटर नोएडाः भले ही घोडी-बछेड़ा के किसानों और प्रदेश सरकार के बीच समझौता हो गया हो, लेकिन चिनगारी अभी भी सुलग रही है। बुधवार को यहां के किसानों ने ऑथॉरिटी के विकास कार्य फिर से ठप करा दिए।
किसानों का कहना है कि बढ़ी हुई दर पर मुआवजा मिलने से पहले वे काम नहीं चलने देंगे। ये काम एक दिन पहले ही चालू कराया गया था। वहीं डाढ़ा गांव के किसानों ने अप्रैल 2005 से मुआवजे की नई दर को लागू करने की मांग को लेकर काम बंद करा दिया है।
चालू वित्तीय वर्ष में लागू मुआवजा दर 850 रुपये प्रति वर्ग मीटर को अप्रैल 2006 से लागू करने की मांग कर यहां के किसानों ने 13 अगस्त को ग्रेटर नोएडा ऑथॉरिटी पर उग्र प्रदर्शन किया था। उस समय छह किसान पुलिस की गोली से मारे गए थे। 20 अगस्त को सरकार व किसानों के बीच समझौता हो गया। इसके बावजूद घोड़ी-बछेड़ा गांव के किसानों ने ग्रेटर नोएडा के ओमीक्रॉन-1 सेक्टर में ऑथॉरिटी का फिर से काम बंद करा दिया है। इससे एक बार फिर टकराव के आसार बन गए हैं। किसानों ने मांग की है कि समझौते के अनुसार उन्हें पहले मुआवजा दिया जाए। इसके बाद ही वे काम शुरू होने देंगे। इससे ऑथॉरिटी अफसरों में हडकंप मचा है। किसानों और प्रशासनिक व अथॉरिटी अफसरों के बीच कई बार मीटिंग हो चुकी है लेकिन कोई सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं डाढ़ा गांव के किसानों ने भी ऑथॉरिटी की हाउसिंग स्कीम के मकानों का काम बंद करा दिया है। यहां के किसान साल 2005 से मुआवजे की नई दर लागू करने की मांग कर रहे हैं।
मुआवजे से पड़ा ढाई हजार करोड का भार:लगातार मुआवजा बढने से ऑथॉरिटी पर ढाई हजार करोड रुपये का भार पड़ा है। करीब नौ सौ करोड़ रुपये के भार से ऑथॉरिटी दबी है। विकास कार्यों को चलाने व किसानों को मुआवजा बांटने के लिए ऑथॉरिटी को फिर से बैंकों की तरफ कर्ज के लिए ताकना होगा। ऑथॉरिटी के एक वरिष्ठ अफसर का कहना है मायावती सरकार में किसानों को रिकॉर्ड मुआवजा बांटा गया है। इस सरकार में ऑथॉरिटी पर ढाई हजार करोड़ रुपये का भार सिर्फ मुआवजे से पड़ा है। वहीं किसानों के आंदोलन ने ऑथॉरिटी की कमर तोड़ दी है। ऑथॉरिटी के विकास कार्य एक साल पीछे हो गए हैं। निवेशकों ने रुचि दिखानी बंद कर दी है। कई निवेशक जमीन बेचने की तैयारी में हैं। घोड़ी-बछेड़ा, डाढ़ा, सैनी-सुनपुरा, एमनाबाद आदि एरिया में ऑथॉरिटी के विकास कार्य एक साल से प्रभावित हैं।

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