मशहूर 'टाइम' पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गोद लेने संबंधी कामकाज से जुड़ी एक भारतीय एजेंसी ने इन बच्चों को चुराया। एजेंसी ने बच्चों को गोद देने के मकसद से उनके नाम बदले, माता-पिता की फर्जी तस्वीरें पेश कीं और अन्य फर्जी दस्तावेज तैयार किए।रिपोर्ट में मानवाधिकार मामलों के एक भारतीय वकील के हवाले से कहा गया है पिछले 10 से 15 सालों के दौरान आस्ट्रेलिया लाए गए करीब 400 बच्चों में से 30 तस्करी के मामले थे। आस्ट्रेलिया के अटार्नी जनरल राबर्ट मैक्लीलैंड ने भी बच्चे गोद लेने के दो मामलों में तस्करी की बात पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि इस खुलासे के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।मैक्लीलैंड के मुताबिक भारत में इस एजेंसी के संपर्क में आने से पहले भी बच्चों की तस्करी की बात सामने आती रही है। मैक्लीलैंड ने तो यहां तक कहा कि वह जानते हैं कि इनमें से एक बच्चा अभी कहां रह रहा है। हालांकि उन्होंने उसकी पहचान और जगह बताने से इनकार कर दिया।टाइम में दावा किया गया है कि चेन्नई की एक नौ वर्षीय लड़की को उस वक्त चुरा लिया गया जब उसकी मां बाजार गई थी। वर्ष 2000 में इस लड़की को क्वींसलैंड में रहने वाले एक परिवार ने गोद ले लिया था। क्वींसलैंड राज्य सरकार में बाल सुरक्षा मंत्री मार्गरेट कीच ने भी माना कि राज्य में गोद लिए गए कुछ बच्चे तस्करी के जरिए लाए गए हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संघीय व अन्य जांच एजेंसियों के साथ मिलकर इस मामले की गहराई से छानबीन करेगी।
Saturday, August 23, 2008
एक गोद सूनी कर भरी गई दूसरी गोद
सिडनी। आस्ट्रेलिया में भारतीय बच्चों की तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत से 13 बच्चे चुराकर आस्ट्रेलिया लाए गए ताकि उन्हें यहां गोद दिया जा सके। आस्ट्रेलियाई सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और इसकी जांच शुरू करा दी है।
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