नोएडा पुलिस ने देशी तमंचे बनाने की एक फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने भारी मात्रा में तमंचे, कारतूस और औजारों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी खादर क्षेत्र में पिछले कुछ समय से तमंचे बनाने का काम कर रहे थे। कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान काजिमाबाद, मेरठ निवासी मुईनुद्दीन और सीकरी फाटक डी लाइन मोदीनगर, गाजियाबाद के रहने वाले इकबाल के रूप में की गई है। पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी खादर में एक खंडहरनुमा कमरे में तमंचे बनाने का काम कर रहे थे। यह लोग एक तमंचा दो हजार से तीन हजार रुपये का बेचते थे। पुलिस इनके पास से पाइप के दस टुकड़े, पांच तमंचे, दो बंदूक, तीन अधबने तमंचे व 17 कारतूस बरामद बता रही है। पुलिस ने पूछताछ में पता किया है कि दोनों आरोपी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए पिछले करीब चार महीनों से यह काम कर रहे थे। इनमें से इकबाल तमंचे बेचता था और मुईनुद्दीन बनाता था। मुईनुद्दीन ने यह काम अपने ताऊ रज्जाक से सीखा है। वह भी तमंचे बनाने का काम करता है और अभी मेरठ में है। पुलिस यह भी बता रही है कि इन दोनों आरोपियों को नोएडा का एक युवक यहां लेकर आया था। उसी ने इन लोगों को वो खंडहर दिखाया था। यह लोग प्रत्येक तमंचे की बिक्री पर उसे भी पांच सौ रुपये दिया करते थे।
अनसुलझे सवाल
-आरोपी नोएडा में कहां रह रहे थे
-खादर के जिस खंडहर में तमंचे बनाने का काम हो रहा था, वह किसका है
-दोनों यहां पर कबसे तमंचे बना रहे थे
-दोनों को यहां लाने वाला युवक कौन है
-इनके पास से जो कारतूस मिले हैं वह कहां से लाते थे
-यहां पर किसको-किसको तमंचे बेचे
-रज्जाक को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया
-पुलिस ने इनके चेहरे पर कपड़ा क्यों डाला, जबकि पिछले माह तीन तमंचों के साथ सेक्टर-37 से गिरफ्तार दो आरोपियों के चेहरे पर नकाब नहीं था
-कोतवाली-39 क्षेत्र में कहीं बड़े पैमाने पर तो अवैध हथियार बनाने का काम नहीं चल रहा, जिसका पुलिस पता नहीं लगा पा रही? पिछले करीब एक माह में इसी कोतवाली में इस तरह के दो मामले सामने आ चुके हैं।
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