Thursday, November 6, 2008

राजनीतिक दलों को देशमुख की नसीहत

अपराध के मामलों की जाँच में पार्टियों को दखल नहीं देना चाहिए। धर्मनिरपेक्ष दल न्यायिक प्रणाली में आस्था रखते हैं और अदालत के मामले में दखल करने में भरोसा नहीं करते, लेकिन सांप्रदायिक दल अपना खुद का एजेंडा रखना चाहते हैं।
यह बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने कही। नवनिर्माण सेना और शिव सेना द्वारा उठाए गए मराठी में साइन बोर्ड के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पहले से ही एक कानून है, जिसके तहत अन्य भाषाओं के साथ मराठी में साइन बोर्ड होना अनिवार्य है। देशमुख ने यह भी कहा कि हालाँकि कानून को ठीक तरह से लागू नहीं किया गया है। रेलवे भर्ती परीक्षा के दौरान मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर भारतीय छात्रों पर किए गए हमलों के बाद भविष्य में राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के सवाल पर देशमुख ने कहा कि ऐसी घटनाएँ फिर से नहीं होंगी। उन्होंने कहा एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाया जाएगा, जो इस मुद्दे पर केंद्र से बातचीत के लिए जाएगा। देशमुख के अनुसार रोजगार के अवसरों को देखने के लिए और स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने के लिए सरकार जिला कलेक्टरों को विशेष अधिकार देने पर विचार कर रही है।

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