नोएडा शहर में पहली बार हुए बम धमाके के समय पुलिस व्यवस्था पूरी तरह तार-तार नजर आई। शायद पुलिस अधिकारियों ने नोएडा में पहली बार हुई बम धमाके की घटना को गंभीरता से नहीं लिया और कदम-दर कदम चूक करते रहे। पुलिस न लोगों को नियंत्रित कर सकी, न ही यातायात को। जिस स्थान पर बम फटा था, वहां अगर दूसरा बम फटता तो घटना इतनी बड़ी हो जाती कि इससे निपटना पुलिस व प्रशासन दोनों के लिए मुश्किल हो जाता। क्योंकि घटनास्थल पर वाहन व लोगों का आना-जाना बरकरार रहा।बम धमाके की सूचना के बाद सबसे पहले पुलिस को बार्डर सील करने चाहिए थे, लेकिन घटना के बाद कहीं भी चेकिंग तक नहीं की गई। शहर के सभी प्रवेश द्वार पर वाहनों की आवाजाही अन्य दिनों की भांति होती रही। पुलिस की दूसरी चूक रही कि जिस जगह बम फटा, वहां से वाहन व लोगों की आवाजाही को पूरी तरह रोक देनी चाहिए था, लेकिन पुलिस ने ऐसा करना मुनासिब नहीं समझा।
Friday, November 14, 2008
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