समाज में व्याप्त अंधकार को दूर करने के लिए दीपक बनो। दीपक कितना भी छोटा क्यूं न हो, अंधकार मिटाने में सक्षम होता है। सदियों के अंधकार को एक छोटा सा दीपक भी भगा देता है।उक्त विचार आज श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के 554वें प्राकट्योत्सव के समापन अवसर पर पाली राजस्थान से आये सिद्ध संत नरेन्द्र गिरि जी महाराज ने व्यक्त किये। श्री गिरि महाराज ने कहा कि राम चाहते तो रावण को सीधा भी मार सकते थे, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। क्योंकि अगर वह सीधे रावण का वध कर देते तो वध के बावजूद उसकी विचारधारा यहां रह जाती। अपनी इसी विचारधारा के चलते रावण वध के बाद भी समाज में जीवित रह जाता। प्राकट्योत्सव के समापन अवसर पर भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार किया गया। विश्वविख्यात तांत्रिक चंद्रास्वामी ने भी श्रृंगार दर्शन कर भगवान दूधेश्वर का अभिषेक किया।
Wednesday, November 12, 2008
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