Monday, November 24, 2008

आखिर कहां गए फार्म?

रीमा व विमला सुबह से बच्चों को साथ लेकर सेक्टर-19 में घूम रही थीं। दोपहर तक उन्हें चुनाव आयोग द्वारा मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए लगाया गया बूथ नहीं मिल पाया था। थक हारकर दोनों दो बजे के लगभग सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचीं। यहां उनकी परेशानी हल होने के बजाए और भी बढ़ गई। कार्यालय कर्मचारियों ने बताया कि उनका बूथ सेक्टर-27 नोएडा क्लब में है। मन मसोस कर दोनों वहां के लिए चल दीं, लेकिन वहां बूथ लेवल अधिकारियों के पास फार्म नं-6 नहीं था। उन्हें एक फार्म फोटो स्टेट कर लाने के लिए थमा दिया गया। अब उनके सब्र का बांध टूट गया। रीमा व विमला ने बूथ लेवल अधिकारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई। पहचान पत्र नहीं बनाना है, तो साफ क्यों नहीं मना कर देते। समझ नहीं आ रहा है कि पहले जमा करवाए गए फार्म आखिर कहां गायब हो गए?

क्या है स्थिति:-यह सवाल सिर्फ रीमा व विमला की ही जुबान पर नहीं है, शहर के अनेक लोग इस स्थिति से दो-चार हो रहे हैं। नोएडा में ही लगभग 85 हजार लोगों ने मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए फार्म दिए थे। उनमें से महज 45 हजार लोगों के नाम ही मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं। जिले में अभी भी हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका न तो फोटो मतदाता पहचान पत्र बन पाया है, न ही मतदाता सूची में नाम दर्ज है।

दोबारा फार्म भर दो:-जिला निर्वाचन अधिकारी श्रवण कुमार शर्मा का कहना है कि जिनका मतदाता पहचान पत्र नहीं बन पाया है, वे दोबारा से फार्म भर दें। लोगों के फार्म खामी पाए जाने पर रद्द हुए होंगे। एक-एक व्यक्ति को तो फार्म रद्द होने के बारे में नहीं बताया जा सकता है। सभी राजनैतिक दलों को उसकी एक-एक कापी सौंपी गई थी। बूथ लेवल अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में फार्म नं-6 उपलब्ध कराए गए हैं।

क्या कहते हैं लोग:- ग्रेटर नोएडा के अल्फा वन सेक्टर निवासी दलजीत सिंह व मिताली चंदोला का कहना है कि उन्होंने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए एक साल पहले फार्म दिया था। उस समय छह माह बाद नाम सूची में आने की बात कही गई थी। उसके बाद पहचान पत्र बनाने के तीन अभियान चल चुके हैं, लेकिन अभी तक उनका नाम सूची में शामिल नहीं हो पाया है। गामा वन निवासी मधु सिंह व स्वेता सिंह ने भी छह माह पहले मतदाता सूची में शामिल होने के लिए फार्म दिया था, लेकिन उनका नाम भी अभी तक सूची में शामिल नहीं हुआ है। अल्फा निवासी अलोक व विवेक सिंघल ने कहा कि ऐसे अभियान चलाने का कोई फायदा नहीं है। लोगों को पहचान पत्र व मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए भटकना पड़ा रहा है। सुनीता सिंह व आरबी सिंह ने कहा कि वह लगातार तीन दिन से बूथ पर आ रहे है। लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा है कि नाम दर्ज हुआ है या नहीं।

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