हाईटेक शहर का यातायात हमेशा से बड़ी समस्या रहा है। दिल्ली से नजदीक इंडस्ट्रियल एरिया और मल्टीनेशनल कंपनियां होने के कारण शुरू से ही यहां पर वाहनों का दबाव काफी अधिक है। ऐसे में शहर में व्यवस्थित यातायात मुहैया कराने के लिए प्राधिकरण ने लगभग आधा दर्जन योजनाओं में तकरीबन पौने दो अरब रुपये खर्च किए। फिर भी यातायात का हाल पहले जैसा ही है। इनमें तीन योजनाएं पूरी तरह से फ्लाप साबित हुईं। दो योजनाएं ऐसी हैं, जिन्होंने खराब प्लानिंग की वजह से कुछ दिन में ही दम तोड़ दिया। फिलहाल प्राधिकरण की सबसे महंगी तीन नई योजनाओं पर काम चल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि इन योजनाओं के पूरा होने पर शहर की यातायात व्यवस्था में कुछ सुधार आ सकता है।
योजना जो फ्लाप रहीं:--पहली योजना गोल चक्कर से झुंडपुरा चौराहे तक 'उद्योग मार्ग' पर वन वे लागू किया गया।,-दूसरे में सेक्टर-18 मार्केट में दिशा सूचक बोर्ड व प्लास्टिक के स्प्रिंगर लगाकर वन वे लागू किया गया। नियम का पालन कराने के लिए मार्केट में सेवानिवृत्त फौजियों को तैनात किया गया।,-तीसरी योजना के तहत शहर के मुख्य मार्गो को स्प्रिंगर लगाकर वन वे किया गया।
प्रस्तावित योजना:--रजनीगंधा पर छह लेन का अंडरपास बनाने की,-डीपीएस वाली मुख्य सड़क पर तीन नए यू टर्न लूप तैयार करना,-'इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम' के तहत मुख्य चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे व डिस्पले बोर्ड लगाना,-विशेष तरह की ऑटोमैटिक रेड लाइट, जिन्हें मैनुअली भी ऑपरेट किया जा सके,-ज्यादा से ज्यादा चौराहों को सोलर सिस्टम से जोड़ने की
क्यों रहीं फ्लाप:-सेक्टर-18 मार्केट में दुकानदारों का समर्थन न मिलना सबसे बड़ा कारण रहा। इसके अलावा पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होना और नियम का सख्ती से पालन न कराना भी मुख्य वजह थी। शहर की मुख्य सड़कों पर वन वे से लोगों को बिना वजह कई किलोमीटर ज्यादा का चक्कर काटना पड़ा। ऐसे में योजना को लोगों का सहयोग नहीं मिला। दो दिन बाद ही योजना वापस ले ली गई। वहीं ट्रैफिक पुलिस उद्योग मार्ग पर वन वे को सख्ती से लागू नहीं कर सकी। अब इस सड़क पर वन वे का बोर्ड अवैध कमाई का जरिया बन चुका है।किस योजना में कितना खर्च आया,-उद्योग मार्ग पर वन वे - 10,000 रुपये,-सेक्टर 18 में वन वे- करीब 5 लाख रुपये,-मुख्य सड़कों पर वन वे - 5-7 लाख,-रजनीगंधा पर प्रस्तावित छह लेन का अंडर पास - 28 करोड़ 28 लाख रुपये (शुरू में),-डीएससी रोड़ पर बने नौ यू टर्न - 18-20 करोड़ रुपये,-एमिटी क्रॉसिंग फ्लाईओवर सेक्टर 44 - 66।70 करोड़ रुपये (शुरू में),-सेक्टर 14ए फ्लाईओवर टी जंक्शन -26.39 करोड़ रुपये (शुरू में),-अट्टा क्रासिंग पर बन रहा अंडर पास-28.62 करोड़ रुपये
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