Sunday, November 9, 2008

फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने का भंडाफोड़

नोएडा। पुलिस ने रविवार को फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाकर हथियार खरीदने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। महज दस से बीस हजार रुपये में 30 लोगों ने अपना फर्जी लाइसेंस बनवाकर शस्त्र खरीदे हैं। पुलिस इनमें से आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, बाकी की तलाश जारी है।नोएडा पुलिस की सर्विलांस टीम व एसओजी ने इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश किया है। इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड दिल्ली के एक सांसद का सुरक्षा गार्ड [पीएसओ] है। सूत्रों के अनुसार दूसरा आरोपी दिल्ली के ही एक अरबपति व्यवसायी के यहां अब भी बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात है। इस संबंध में सेक्टर 24 कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है।पुलिस के मुताबिक फिरोजाबाद के गढ़ीदान सहाय गांव का रहने वाला गिरोह का मास्टरमाइंड और सांसद का सुरक्षा गार्ड अनिल यादव खुद को दिल्ली पुलिस में तैनात बताता था। उसके पास से दिल्ली पुलिस का एक पहचान पत्र भी बरामद हुआ है। यह पहचान पत्र दिल्ली पुलिस के स्वीपर कश्मीरी लाल का है, जिस पर अनिल ने वर्दी में अपनी फोटो लगा रखी थी। इसके अलावा पुलिस को अनिल के पास से आदर्श पंचायती राज प्रेस [भारत सरकार] का भी एक फर्जी पहचान पत्र मिला है। अनिल पांचवीं कक्षा तक ही पढ़ा है।पुलिस को अनिल के पास से 32 बोर की एक देसी रिवाल्वर बरामद हुई है, जिसका उसके पास लाइसेंस था। रिवाल्वर पर फर्जी नंबर भी पड़ा था, जबकि देसी रिवाल्वर का कोई लाइसेंस नहीं होता है।

पुलिस को इस गोरखधंधे का पता दो माह पहले शस्त्र विक्रेताओं की छानबीन के दौरान चला। अभियान में पुलिस को सेक्टर-22 स्थित इंडियन गन हाउस से दो ऐसी दुनाली बंदूकों की जानकारी मिली, जिनके लाइसेंस संबंधित जिले के जिलाधिकारी के यहां से प्रमाणित नहीं हुए थे। इसके बाद पुलिस ने इन बंदूकों की जानकारी जुटाना शुरू किया। पुलिस ने मामले में सबसे पहले इन बंदूकों का पता किया। इनके जरिए पुलिस को पता चला कि मामले का मास्टरमाइंड अनिल है। मामले की छानबीन करने पर पुलिस को आठ और लोगों की जानकारी मिली, जो दिल्ली में बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात थे। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर रविवार को इन लोगों को गिरफ्तार किया।अनिल को पुलिस ने रविवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सेक्टर 12-22 चौराहे से गिरफ्तार किया। हालांकि पुलिस उसके साथ मौजूद उदय राज को गिरफ्तार नहीं कर सकी और वह भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब रहा। साथ ही पुलिस ने फर्जी लाइसेंस पर बंदूक खरीदने वाले गढ़ ग्राम कुंजेरा जिला मथुरा निवासी हरी सिंह उसके भाई गोविंद सिंह व इनके भतीजे लक्ष्मण सिंह को एक-एक दोनाली बंदूक और फर्जी लाइसेंस के साथ गिरफ्तार किया।सोनाई गांव जिला मथुरा निवासी गोविंद सिंह के साले महिपाल के यहां जब पुलिस ने दबिश दी तो वह अपनी दोनाली बंदूक और लाइसेंस छोड़कर भाग निकला। हालांकि पुलिस ने उसके बेटे राकेश को एक दोनाली बंदूक और फर्जी लाइसेंस के साथ गिरफ्तार कर लिया। इनके अलावा धर्मनगर फिरोजाबाद निवासी राजवीर सिंह और निजामपुर, शिकोहाबाद निवासी प्रमोद को एक सिंगल बैरल बंदूक व फर्जी लाइसेंस के साथ गिरफ्तार किया है। इसी तरह बृजेश के पास से पुलिस को 32 बोर की एक रिवाल्वर आर्डिनेंस फैक्ट्री, कानपुर का बनी हुई मिली। साथ ही उसके पास दो लाइसेंस बरामद हुए। इनमें से एक उत्तर प्रदेश का और दूसरा ऑल इंडिया का था। पुलिस को इन लोगों के पास से कुल पांच दोनाली बंदूक, दो सिंगल बैरल बंदूक, दो रिवाल्वर, आठ फर्जी लाइसेंस बरामद हुए हैं। गिरोह के मास्टरमाइंड के पास से पुलिस को फिरोजपुर, पंजाब, जैसलमेर, राजस्थान, फिरोजाबाद, मैनपुरी, ऊधमपुर के जिलाधिकारियों, प्रभारी अधिकारी आयुक्त, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस लाइसेंसिंग दिल्ली, होम सेकेट्री डिपार्टमेंट, पंजाब व राजस्थान सरकार की विभिन्न प्रकार की 22 मोहरें बरामद हुई हैं। इनका प्रयोग कर अनिल फर्जी लाइसेंस बनाने, उनका सीमा विस्तार करने और रिनुअल का काम करने में करता था। इसके अलावा पुलिस को उसके पास से 22 फर्जी शस्त्र लाइसेंस की फोटो कॉपी भी बरामद हुई हैं।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों ने शस्त्र मथुरा के आर्य समाज रोड स्थित शर्मा गन हाउस और नोएडा के सेक्टर-22 स्थित इंडियन गन हाउस के यहां से खरीदे थे। उन्होंने बताया कि अगर मामले में शस्त्र दुकानदारों की मिलीभगत उजागर होती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। गिरोह के अन्य लोगों की धर पकड़ के लिए पुलिस अब भी छापेमारी कर रही है।

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