Tuesday, September 23, 2008

न रीडिंग न बिल, एजेंसी कैसे जीते उपभोक्ताओं का दिल
बिजली बिल बनाने वाली प्राइवेट बिलिंग एजेंसी के कर्मचारियों की मनमानी का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। समय पर बिजली बिल न आने से कई सेक्टरों के लोग परेशान हैं। बार-बार शिकायत करने पर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। छह माह से बिजली बिल बनाने का कार्य कर रही बिलिंग एजेंसी के कर्मचारियों ने सेक्टर-22, 52, 61 व 71 के उपभोक्ताओं को दो माह से बिल समय पर नहीं पहुंचाए हैं। इससे उपभोक्ता परेशानी में हैं कि उन्हें एक साथ दो माह का भारी भरकम बिल चुकाना पड़ेगा।
सेक्टर-22 के पी प्रसाद, सुदर्शन अवस्थी, हरीश शर्मा व एनके जोशी का कहना है कि एजेंसी के कर्मचारियों ने दो महीने से मीटर रीडिंग ही नहीं ली है। बिजली बिल समय पर न आने की शिकायत जब भी की जाती है, तो अधिकारी एजेंसी कर्मचारियों को भेजने, रीडिंग लेने वाली मशीन खराब होने व मीटर चालू स्थिति में न होने का बहाना बनाकर टाल देते हैं। विद्युत निगम के नियमानुसार हर माह के पहले सप्ताह मीटर रीडिंग लेकर बिल देना अनिवार्य है, लेकिन यहां तो दो माह बाद भी बिजली बिल नहीं मिल पाए हैं। उपभोक्ताओं ने पश्चिमांचल विद्युत निगम के अधिकारियों से इस समस्या का शीघ्र समाधान करने व प्राईवेट बिलिंग एजेंसी को समय पर बिल देने के दिशा-निर्देश करने की मांग की है।प्राइवेट बिलिंग एजेंसी का काम देख रहे सुपरवाइजर योगिंद्र कुमार का कहना है कि कर्मचारियों के अस्वस्थ होने व छुट्टी पर जाने से यह समस्या आई है। मीटर रीडिंग लेकर उपभोक्ताओं को बिजली बिल पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। 30 सितंबर से पहले समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

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