राजधानी में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिल्ली सरकार ने मच्छर प्रजनन पाए जाने पर तुरंत चालान काटने के निर्देश दिए है। दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री योगानंद शास्त्री ने दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक में राजधानी में जल और कीटाणु जनित रोगों की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, दिल्ली जल बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।बैठक के बाद डॉ. शास्त्री ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों को मकानों और सरकारी भवनों पर मच्छर की उत्पत्ति पाए जाने की स्थिति में सीधे चालान काटने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर पानी इकट्ठा होने की स्थिति पर खास ध्यान देने की हिदायत दी है। डॉ. शास्त्री ने कहा कि अभी तक डेंगू के 60 मामले राजधानी में प्रकाश में आए है। डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को कीटनाशक धुँआ और दवा छिड़काव के काम में तेजी लाने का निर्देश देने के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों में अधिक संख्या में कर्मचारियों को तैनात करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में प्लेटलेट की कोई कमी नहीं है और सरकार इसकी सुचार उपलब्धता बनाए रखने पर निरंतर निगाह रखे हुए है।इसके अलावा हैजा प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निरीक्षण करने के लिए भी अधिकारियों से कहा गया है। डॉ. शास्त्री ने बताया कि हैजे के इस माह 139 मामले दर्ज किए गए है। प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करने के साथ-साथ क्लोरिन की गोलियों के वितरण की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है। प्रभावित क्षेत्रों का दौरा दिल्ली जल बोर्ड तथा दिल्ली नगर निगम की संयुक्त टीमें करेंगी। डॉ. शास्त्री ने बताया कि नजफगढ, पश्चिमी जोन और करोल बाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। इन क्षेत्रों में सफाई तथा कीटनाशक धुँए की उचित व्यवस्था करने की निगम के अधिकारियों को हिदायत दी गई है। उन्होंने निगम के अधिकारियों को खुले स्थान पर बिकने वाले गन्ने के रस तथा कटे फलों की बिक्री पर रोक लगाने की दिशा में कडे़ कदम उठाने को कहा है। इस महीने मलेरिया के 22 मामले दर्ज हुए है। | |
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