दिल्ली धमाकों में भीड़ भाड़ वाले इलाक़ों को निशाना बनाया गया |
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने धमाकों की कड़ी निंदा की है. गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने धमाकों की निंदा करते हुए दोषियों को कड़ी सज़ा देने की बात कही.उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे तत्वों से मजबूती से निपटेगी और सुरक्षा एजेंसियां जल्द इन घटनाओं के तह में जाएगी और दोषियों को सज़ा दी जाएगी.
शनिवार को भीड़ भरे बाजारों में धमाके ये दर्शाते हैं कि हमला करनेवालों की मंशा अधिकतम लोगों को हताहत करने की थी |
गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा कि शनिवार को भीड़ भरे बाजारों में धमाके ये दर्शाते हैं कि हमला करनेवालों की मंशा अधिकतम लोगों को हताहत करने की थी.उनका कहना था कि राष्ट्र विरोधी तत्व शांति में बाधा पहुँचाने और देश के विभिन्न भागों में लोगों के बीच दहशत फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं.इधर सिलसिलेवार धमाकों में मरनेवालों के परिवार को दिल्ली सरकार पाँच लाख और घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपए का मुआवज़ा देगी.दूसरी ओर केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को तीन लाख रुपए का मुआवज़ा देने की घोषणा की है.दिल्ली सरकार ने ऐलान किया है कि घायलों का मुफ़्त इलाज किया जाएगा.
बम धमाकेगौरतलब है कि शनिवार को दिल्ली में एक के बाद एक पाँच सिलसिलेवार बम धमाकों में कम से कम 20 लोग मारे गए थे और 90 से ज़्यादा घायल हुए हैं.
अस्पताल में 69 लोगों को लाया गया जिनमें से आट मृत लाए गए और एक की बाद में मौत हो गई. अब भी 35 लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिनमें से 10 की हालत चिंताजनक है |
ये धमाके कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क और बाराखंभा रोड, गफ़्फ़ार मार्केट और ग्रेटर कैलाश-1 में हुए.इसके अलावा तीन स्थानों- सेंट्रल पार्क, रीगल सिनेमा और इंडिया गेट पर बम निष्क्रिय किए गए.दिल्ली में भारतीय समयानुसार लगभग साढ़े छह बजे सबसे पहले करोल बाग- ग़फ़्फ़ार मार्केट इलाक़े में धमाके की ख़बर आई. इसके बाद ग्रेटर कैलाश-1, कनॉट प्लेस के बाराखंभा रोड और सेंट्रल पार्क इलाक़ों में धमाके हुए.दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बीबीसी को बताया, "ग़फ़्फ़ार मार्केट ग्रेटर कैलाश, कनॉट प्लेस की बाराखंभा रोड और सेंट्रल पार्क इलाक़ों में धमाके हुए हैं. इनमें से दो जगह पर सीएनजी गैस सिलिंडर के धमाके हुए."दिल्ली राममनोहर लोहिया अस्पताल के आपात विभाग के प्रमुख डॉक्टर एसके शर्मा ने बताया, " अस्पताल में 69 लोगों को लाया गया जिनमें से आठ मृत लाए गए और एक की बाद में मौत हो गई. अस्पताल लाए गए 35 लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिनमें से 10 की हालत चिंताजनक है."ग्रेटर कैलाश-1 में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्हें दो धमाके सुने. पहले धमाके के बाद ही लोगों में अफ़रातफ़री मच गई और बाज़ार में भगदड़ मच गई. कई लोगों के शरीर में वाहनों और दुकानों के टूटे हुए शीशे लगे लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं आई.लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में आठ घायल लोगों को ले जाया गया जिनमें से से दो हालत गंभीर है.इन धमाकों के ठीक पहले कुछ समाचार चैनलों को एक ईमेल मिला.वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करनैल सिंह ने बताया, " इंडियन मुजाहिदीन नाम के एक संगठन ने ईमेल के ज़रिए इन हमलों की ज़िम्मेदार ली है लेकिन इसकी जाँच और पुष्टि होनी बाक़ी है."उधर गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा कि इस समय किसी भी संगठन का नाम लेना बहुत मुश्किल है लेकिन हम इन कारनामों को अंजाम देने वाले लोगों को ख़ोज निकालेंगे.अहमदाबाद धमाकों के ठीक पहले भी इसी तरह के ईमेल में इस संगठन ने धमाकों की ज़िम्मेदारी ली थी.
हाल में हुए प्रमुख चरमपंथी हमले इस प्रकार हैं:
- 29 अक्तूबर 2005 - दिल्ली में तीन जग़हों पर हुए बम धमाकों में 62 लोग मारे गए और अनेक लोग घायल हुए.
- 7 मार्च 2006 - उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में हुए बम धमाकों में 20 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.
- 11 जुलाई 2006 - मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए बम धमाकों में 170 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हुए.
- 8 सितंबर 2006 - महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के मालेगाँव शहर में एक मस्जिद के पास हुए तीन बम धमाकों में 37 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए.
- 18 फ़रवरी 2007 - दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में हुए दो धमाकों में 66 लोग जलकर मारे गए जिसमें से अधिकतर पाकिस्तानी थे.
- 18 मई 2007 - हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज़ के दौरान हुए धमाके में 11 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.
- 25 अगस्त 2007 - हैदराबाद में हुए बम विस्फोट में 42 लोग मारे गए और लगभग सौ लोग घायल हुए.
- 11 अक्तूबर 2007 - राजस्थान में अजमेर स्थित ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हुए धमाके में दो लोग मारे गए और 14 लोग घायल हुए.
- 23 नवंबर 2007 - उत्तर प्रदेश में लखनऊ, फ़ैज़ाबाद और वाराणसी की कचहरियों में हुए बम धमाकों में 13 लोग मारे गए और 75 घायल हुए.
- 1 जनवरी 2008 - उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर हुए चरमपंथी हमले में सात सुरक्षाकर्मियों समेत आठ लोग मारे गए और छह लोग घायल हुए.
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