Sunday, September 7, 2008

बाबा राम रहीम पर दुष्कर्म का आरोप तय

अंबाला शहर [सं]। डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की मुसीबतें अब बढ़ गई हैं। शनिवार को अंबाला सीबीआई कोर्ट के विशेष जज एके वर्मा ने भादंसं की धारा 376 और 506 के तहत साध्वियों के यौन शोषण और जान से मारने की धमकी के मामले में डेरामुखी के खिलाफ आरोप तय कर दिया।कड़ी सुरक्षा के बाद पुलिस लाइन स्थित अस्थाई कोर्ट में सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर डेरामुखी पहुंचे। जहां कोर्ट में उन्हें यौन शोषण के आरोपों को पढ़कर सुनाया गया, वहीं रंजीत हत्याकांड में आरोपों पर बहस शुरू हुई। बचाव पक्ष के वकील डा. सूर्यप्रकाश ने अपनी दलीलें रखीं। फिलहाल अब सीबीआई चार अक्टूबर को बचाव पक्ष के सवालों का जवाब देगी।वर्ष 2002 में गुमनाम पत्र के जरिए डेरा में साध्वियों से यौन शोषण मामले का खुलासा हुआ था। गुमनाम पत्र बांटने व छापने के आरोपों में कुरुक्षेत्र के रंजीत और सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या कर दी गई थी। इन दोनों हत्याओं में डेरामुखी को 120 बी का आरोपी बनाया गया। हरियाणा पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट होकर रंजीत के पिता जोगेंद्र सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की याचिका दायर की थी। वर्ष 2004 में हाईकोर्ट के निर्देशों पर शुरू हुई सीबीआई जांच में गुमनाम पत्र के जरिए साध्वियों से यौन शोषण मामले का खुलासा हुआ था। सीबीआई के समक्ष डेरे की दो साध्वियों ने डेरामुखी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया तो सीबीआई ने सौ से अधिक साध्वियों के 161 के तहत बयान दर्ज करने के साथ डेरामुखी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया।सीबीआई ने तीनों मामलों में 31 जुलाई 2007 को सीबीआई के तत्कालीन स्पेशल मजिस्ट्रेट आरएन भारती के निवास पर चार्जशीट पेश की थी। जिसके बाद से ही मामले में आरोपों पर बहस शुरू हुई थी और 26 जुलाई को सीबीआई के विशेष जज एके वर्मा ने डेरामुखी पर आरोप तय करने के आदेश दिए थे। लेकिन पिछली दो पेशियों में डेरामुखी के पेश न होने के कारण आरोप निर्धारण की प्रक्रिया आज पूरी की गई। उधर, रंजीत हत्याकांड में आरोपों पर बहस शुरू हुई, जिसमें बचाव पक्ष ने कई दलीलें दी। जहां अब सीबीआई चार अक्टूबर को दलीलों का जवाब देगी।सीबीआई के लोक अभियोजक एचपीएस वर्मा ने बताया कि आरसी नंबर पांच में आईपीसी की धारा 376 व 506 के तहत डेरामुखी पर आरोप तय हो गए है। जहां अब ट्रायल के बाद गवाहों के बयान होंगे। बचाव पक्ष के वकील डा. सूर्य प्रकाश ने सीबीआई पर गवाहों को धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी दोबारा से जांच होनी चाहिए।

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