नोएडा। अपनी बेटी आरुषि व नौकर यम प्रसाद की हत्या के आरोप में कारावास झेल चुके डॉ. राजेश तलवार और उनकी पत्नी डॉ. नुपुर तलवार अब भी सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। उन्हें समाज में अब भी अपमान का घूंट पीना पड़ रहा है। यही कारण है कि डॉ. तलवार दंपती अब भी सार्वजनिक आयोजनों व कार्यक्रम में जाने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि दोनों ने नोएडा व दिल्ली स्थित क्लीनिकों में बैठना शुरू कर दिया हो, लेकिन फोर्टिस अस्पताल में उनकी वापसी नहीं हो सकी। हत्याकांड से जुड़ी भयावह यादों को भुलाने का प्रयास कर रहे डॉ.तलवार अब भी अपने घर लौटने की हिम्मत नहीं जुटा सके हैं।अपनी बेटी के कत्ल के इल्जाम में करीब 50 दिन की जेल काटने के बाद जमानत पर रिहा हुए डॉ. राजेश तलवार लगातार अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यादें उनका पीछा नहीं छोड़ रही हैं। बहरहाल इनसे निपटने के लिए डॉ. राजेश व उनकी पत्नी डॉ. नूपुर ने खुद को काम में व्यस्त कर दिया है। दोनों ने दोबारा क्लीनिक खोल दिया है।नोएडा के सेक्टर-27 स्थित पार्श्वनाथ प्लाजा में डॉ. राजेश तलवार सप्ताह में चार दिन सुबह ढाई घंटे का समय देते हैं। इस क्लीनिक पर डॉ. नूपुर तलवार सप्ताह में एक दिन शाम को दो घंटे के लिए आती हैं। इसके अलावा दिल्ली के हौज खास स्थिति क्लीनिक पर भी डॉ. राजेश तलवार व डॉ.नूपुर नियमित समय देने लगे हैं।अतीत की उन भयावह यादों का भुलाने का प्रयास कर रहे पति-पत्नी अब भी सेक्टर 25 एल 32 स्थित अपने घर में नहीं रहते। वहां पर बेटी की मौत का गम भुलाना उनके लिए आसान नहीं होगा। यह वहीं घर है जहां 16 मई को आरुषि व नौकर यम प्रसाद का कत्ल हुआ। इसके बाद नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को कत्ल के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के 50 दिन बाद सीबीआई ने उन्हें लगभग क्लीन चिट दे दी थी। सीबीआई के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं थे, जिसे देखते हुए कोर्ट ने 11 जुलाई को डॉ.राजेश तलवार को जमानत मिल गई। उसके बाद से ही डॉ. राजेश तलवार अपनी पत्नी डॉ. नूपुर के साथ सेक्टर 25 में ही उसके मायके में रह रहे हैं।डॉ. तलवार दंपती के करीबी बताते हैं कि अब वह किसी से बहुत ज्यादा मिलना पसंद नहीं करते। ऐसा करते हुए वह कुछ हिचकते हैं क्योंकि अक्सर लोग पुरानी बातें करने लगते हैं, जिसके लिए वह बिल्कुल तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि कुछ खास दोस्तों रिश्तेदारों को छोड़ उन्होंने किसी और के यहां आना-जाना भी छोड़ दिया है।
Saturday, September 6, 2008
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