Saturday, September 27, 2008

आयातित दूध पर सरकार सांसत में

चीन में बच्चों के दूध में बेहद खतरनाक तत्वों के मिले होने की खबर पर अब जाकर भारत सरकार जागी है। सरकारी महकमों में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया था जब यह पता चला कि चीन से इस वर्ष लगभग 10 हजार टन डिब्बाबंद दूध का आयात हो चुका है।

आनन-फानन में बुधवार देर रात चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों के आयात पर अगले तीन महीनों के लिए पाबंदी भी लगा दी गई। अब यह जांच-पड़ताल शुरू की गई है कि चीन में कई बच्चों को मौत की नींद सुलाने वाला मिलावटी दूध कहीं भारत भी तो नहीं पहुंच गया है। इसके लिए चीन से दूध आयात करने वाली कंपनियों का पता लगाया जा रहा है। यह छानबीन भी शुरू की गई है कि आयातित दूध का इस्तेमाल किस प्रकार किया गया है।सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की नींद विश्व स्वास्थ्य संगठन की उस सलाह के बाद खुली है जिसमें चीन के पड़ोसी देशों को सतर्क किया गया था। इसके बाद मंगलवार को खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की आपातकालीन बैठक बुलाई गई। बैठक के बाद डीजीएफटी से संबंधित आंकड़े मंगवाने पर यह साफ हुआ कि चीन से लगभग 10 हजार टन डिब्बाबंद दूध चालू वित्त वर्ष के दौरान आयात किया गया है। अब सरकारी महकमा यह तलाशने में जुटा है कि किन कंपनियों ने इसका आयात किया है।डीजीएफटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम अभी यह पता लगा रहे हैं कि चीन की जिन 22 कंपनियों के दूध में खतरनाक तत्व मिले हैं कहीं उन्होंने अपने उत्पाद का निर्यात भारत में तो नहीं किया है। इसके लिए बैच नंबर का मिलान किया जा रहा है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस तरह का दूध भारत लाया गया है। हालांकि यह साफ है कि ये दूध बच्चों के पीने से संबंधित नहीं है क्योंकि इन्हें सह-उत्पाद के तौर पर आयात किया गया है। इसके बावजूद सरकार कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती है। इसलिए अगर इस आयातित दूध से कोई अन्य खाद्य उत्पाद तैयार किए गए हैं तो उनकी भी जांच की जाएगी।

डीजीएफटी के मुताबिक हाल के वर्षो में चीन से दूध आयात काफी बढ़ गया है। मुख्य कारण यह है कि यूरोपीय संघ सहित कई विकसित देशों में भारतीय दूध की गुणवत्ता को काफी अच्छा माना जाता है। इसका फायदा उठाने के लिए कई कंपनियां चीन से सस्ता दूध आयात कर उसे भारतीय प्रयोगशालाओं में जांच करवाने के बाद प्रसंस्कृत (प्रोसेसिंग) कर या अन्य दुग्ध उत्पाद में तब्दील कर निर्यात कर देती हैं। पिछले वर्ष चीन से 17 हजार टन दूध का आयात किया गया था। शिशुओं को दिए जाने वाले दुध का आयात भारत चीन से नहीं करता है।मालूम हो कि मिलावटी डिब्बाबंद दूध पीने से चीन में हजारों बच्चे बीमार पड़ गए हैं। इनमें से कुछ की मौत भी हो गई है। इसके बाद अधिकांश एशियाई देशों ने चीन से दूध आयात पर पाबंदी लगा दी है। चीन हाल के वर्षो में एक बड़ा दूध निर्यातक देश बनकर उभरा है। चीन में शिशुओं के लिए दूध बनाने वाली 22 कंपनियों के उत्पाद में मेलामाइन नामक खतरनाक औद्योगिक रसायन पाया गया है। फिलीपींस,मलेशिया में चीन से आयातित दूध बेचने पर दुकानदारों को जेल भेजने और उनका लाइसेंस रद करने जैसे कठोर कदम उठाए गए हैं।

No comments: