काठमांडू। नेपाल पुलिस ने नकली भारतीय नोट छापने वाले एक रैकेट के भंडाफोड़ का दावा किया है। पुलिस ने इस मामले में बांग्लादेशी मूल के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अंतरराष्ट्रीय क्राइम नेटवर्क से इनके संबंध होने की संभावना से इनकार नहीं कर रही है।काठमांडू मेट्रोपालिटन पुलिस की अपराध शाखा के एसपी देवेंद्र सुबेदी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि अपनी गतिविधियों के लिए इन्होंने नेपाल को केंद्रबिंदु बनाया हुआ था। जाली नोट यहीं पर बनाए जाते थे। इन्हें वैध नोटों में बदलकर अन्य देशों में भेज दिया जाता था। दोनों संदिग्ध सलमात उल्लाह और जलाल अहमद मध्य काठमांडू के होटल इम्परर से गिरफ्तार किए गए। जाली नोटों का कारोबार ये कपड़ा व्यवसाय की आड़ में चला रहे थे। इनके पास से एक हजार रुपये के 1,908 नोट मिले हैं जो दो सूटकेसों में भरे थे। पुलिस ने इनका पासपोर्ट और मोबाइल फोन जब्त कर लिया है।नेपाल में जाली नोट के प्रचलन पर रोक लगाने के उद्देश्य से पांच सौ और एक हजार के नोटों पर प्रतिबंध है। सुबेदी ने बताया कि इस रैकेट के लोग मलेशिया, थाइलैंड, सिंगापुर और दुबई से आपरेट होते हैं। जाली नोट को वैध बनाने के लिए ये लोग कैसिनो, स्थानीय दुकानों और मनी चेंजर्स का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों बांग्लादेशी जाली नोट बनाने के विशेषज्ञ हैं। यहां तक कि इनके बनाए जाली नोट और असली नोट के बीच फर्क करना किसी बैंक अधिकारी के लिए भी मुश्किल है।
Monday, September 1, 2008
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