सत्य और अहिंसा सरीखे अपने हथियारों के बल पर देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपति महात्मा गांधी कांग्रेस के लिए धन जुटाने को अपने आटोग्राफ नीलाम करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की भांजी चंद्रलेखा मेहता ने अपनी किताब 'फ्रीडम्स चाइल्ड: ग्रोइंग अप ड्यूरिंग सत्याग्रह' में इस बात का खुलासा किया है।मेहता ने लिखा है कि लोगों के जेहन में चरखे पर सूत कातते राष्ट्रपिता की गंभीर मुद्रा बसी है लेकिन वह हमेशा मुस्कुराते रहते थे। जवाहर लाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित की बेटी चंद्रलेखा ने लिखा है कि गांधी जी देश भर में भ्रमण करते थे और अपने आटोग्राफ को बड़ी चतुराई से सर्वाधिक बोली लगाने वाले को ही बेचते थे। इस तरह अपने हस्ताक्षर नीलाम कर वह कांग्रेस पार्टी का कोष भरते थे।मेहता ने अपनी किताब में बचपन की अनगिनत घटनाओं और अनुभवों का जिक्र किया है। इनमें जन्मदिन, परिवार, छुट्टियां, चुनाव, कांग्रेस का अधिवेशन और अपने प्रियजनों से मिलने के लिए जेल के बाहर इंतजार करने आदि का जिक्र है। इसके अलावा उन्होंने पंडित नेहरू, महात्मा गांधी, मौलाना आजाद और सरोजनी नायडू के साथ बिताए अपने अनुभवों का विस्तार से वर्णन किया है।
Sunday, September 14, 2008
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